
हिंदी साहित्य के समावेशी युग (नए कालखंड) पर केंद्रित कार्य कर रही संस्था “समावेशी साहित्य संस्थान” की केंद्रीय कार्यकारी समिति की पाँचवीं बैठक आज दिनांक 06 जुलाई 2025 को पूर्वाह्न 10:00 बजे से आभासी पटल पर प्रसिद्ध साहित्यकार अखिलेश निगम ‘अखिल’ की अध्यक्षता एवं अनुवाद अधिकारी उमेश कुमार प्रजापति के संचालन में संपन्न हुई।
जिसमें समावेशी साहित्य की अवधारणा को सुदृढ़ करने हेतु निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया-
संस्थान के ध्येय वाक्य पर चर्चा में समावेशी साहित्य की मूल भावना को प्रतिबिंबित करने वाला एक सशक्त, प्रेरणादायक और समकालीन ध्येय वाक्य निर्धारित करने पर विचार किया गया। संस्थान के उद्देश्य पर चर्चा में साहित्य में समावेशिता, विविधता और बहुस्तरीयता को बढ़ावा देने हेतु संस्थान के लघुकालिक तथा दीर्घकालिक उद्देश्यों की रूपरेखा तय की गयी। संस्थान के शुभंकर पर चर्चा में संस्थान की विचारधारा और पहचान को दर्शाने वाले प्रतीकात्मक शुभंकर के स्वरूप, रंग योजना और प्रतीकों पर रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए गए। संपादन समिति पर चर्चा में संस्थान की आगामी प्रकाशन योजनाओं (डिजिटल प्रकाशन सहित) के लिए एक संपादन समिति के गठन पर सहमति बनी, जिसमें विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों को शामिल किया गया। हिंदी साहित्य के नए कालखंड निर्धारण पर चर्चा में समावेशी युग को हिंदी साहित्य के एक स्वतंत्र कालखंड के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर बल दिया गया, समावेशी साहित्य में कविता के वर्गीकरण पर प्रकाश डालते हुए इसे छंदबद्ध, छंदमुक्त एवं लोककव्य के रूप में प्रकाशित करने तथा हिंदीतर क्षेत्रों में कविता की विभिन्न विधाओं में साहित्य सृजन की आवश्यकता पर बल दिया गया, कविता, कहानी, आत्मकथा, यात्रा-वृत्तांत, नाटक, आलोचना, अनुवाद, नवगीत, लोकगीत/लोककव्य, डिजिटल साहित्य आदि विधाओं को इस युग के अंतर्गत विश्लेषित करने की दिशा में सहमति बनी।
इस बैठक में विभिन्न समितियों से जुड़े साहित्यकारों एवं अनुवादक ने सक्रिय सहभागिता की। जिनमें संरक्षक समिति से प्रो. हरिशंकर मिश्र, पूर्व आचार्य, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. सी. जयशंकर बाबु, विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, पांडिच्चेरी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, पुदुच्चेरी रहे। परामर्श समिति से डॉ. दिनेश चंद्र अवस्थी, साहित्यकार एवं पूर्व विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ. मोहन तिवारी आनंद, होम्योपैथी चिकित्सक एवं साहित्यकार, भोपाल तथा केंद्रीय कार्यकारी समिति से डॉ. अखिलेश निगम “अखिल”, कवि, लेखक एवं उप-महानिरीक्षक, उत्तर प्रदेश पुलिस, डॉ. एन. लक्ष्मी, सहायक प्राध्यापक, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, अंडमान, डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह, सहायक प्राध्यापक, राजकीय महाविद्यालय, गोंडा, अलीगढ़, डॉ. संदीप कुमार वर्मा, सहायक प्राध्यापक, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा, डॉ. मनोज कुमार सिंह, सहायक प्राध्यापक, ओड़िशा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट, डॉ. अशोक कुमार ‘मंगलेश’, साहित्यालोचक एवं अनुवादविद व अध्यक्ष, निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति एवं निर्मला प्रकाशन चरखी दादरी, हरियाणा, अमन कुमार त्यागी, पत्रकार, साहित्यकार, संपादक और प्रकाशक, बिजनौर, सूर्य नारायण शूर, अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद, डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ कवि एवं संपादक ई पत्रिका ‘अनिल अभिव्यक्ति’, एवं साहित्यकार एवं उमेश कुमार प्रजापति, अनुवाद अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के अंत में सभी विद्वानों, साहित्यकारों एवं अनुवादकों ने संस्थान की दिशा और कार्यप्रणाली पर संतोष व्यक्त किया तथा समावेशी साहित्य को हिंदी साहित्य की मुख्यधारा में प्रतिष्ठित करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।
समाचार प्रेषक-
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