लघु-कथा

लघु-कथा साहित्य

जानकर महिला

सन्नाटे को चीरती हुई घर में सुमन की  जोर से आवाज आई – अरे वाह ! क्या बात है , आज मैं बहुत खुश हूँ । मैं बता नहीं सकती मुझे कैसा लग रहा है । ( ऐसा कहती हुई सुमन रसोईं बन्दकर कमरे की तरफ गई ) सुमन – हाय राम , जल्दी करूँ […]

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लघु-कथा साहित्य

निधि ‘मानसिंह’ की दो लघुकथा

1 ( इन्सानियत ) रघु, जितना हो सके उतनी तेज रिक्शा चला रहा था। अचानक दूर से एक व्यक्ति हाथ हिला कर उसकी ओर रिक्शा रोकने का इशारा करता हुआ दौडा चला आ रहा था। रघु ने रिक्शा रोकी तो वो आदमी बोला – उसे लाल बत्ती के पास वाले अस्पताल में जाना है। रघु […]

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