अयोध्या राजघराने के महाराज : विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र

 

अयोध्या के ऐतिहासिक पन्नों में हमेशा के लिए एक नाम अंकित रहेगा वे हैं _हमारे प्यारे अयोध्या महाराज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र। विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का जन्म दरभंगा जिलांतर्गत बेहटा गांव में हुआ था ।उनके पिता का नाम डॉ 0 रमेंद्र मोहन मिश्र तथा माता का नाम विमला देवी था ।डॉ0 रमेंद्र मोहन मिश्र का विवाह महाराज अयोध्या की राजकुमारी विमला देवी से हुआ था ।अयोध्या महाराज को कोई पुत्र न होने के कारण इन्हें अयोध्या महाराज ने अयोध्या में घर जमाई बनाकर रख लिए थे। आपको घर में लोग पप्पू भैया तथा राजसदन में राजा साहब कहकर पुकारते थे ।आप शिक्षाविद के अतिरिक्त मृदुभाषी एवं नेक इंसान थे ।आपकी पत्नी का पिछले वर्ष देहावसान हो गया। आपके भाई का नाम शैलेंद्र मोहन मिश्र ,पुत्र का नाम यतींद्र मिश्र तथा पुत्री का नाम मंजरी मिश्रा है ।इनके पुत्र यतींद्र मिश्र एक प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपको राजनीति में काफी अभिरुचि थी। आप फैजाबाद लोकसभा से 2009 में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़े थे। इसमें आपकी जीत नहीं हो पाई थी ।बाबरी मस्जिद के लिए हिंदू धर्म के प्रसिद्ध राम मंदिर को ध्वस्त किया गया। विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र इस मंदिर से रामलला मूर्ति को अपने राजसदन में स्थापित कर दिए और तभी से पूजा _अर्चना करने लगे ।आपका परिवार अयोध्या राजघराने में लगभग 150 वर्षों से रह रहा है।आपने अयोध्या के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।आपने अपने जीवन काल में अयोध्या को काफी परिवर्तित होते देखा।आपको जन्मभूमि न्यास समिति के प्रथम रिसीवर बनने का सौभाग्य प्राप्त था ,जो संपूर्ण हिंदू धर्म या संपूर्ण भारत के लिए गौरव की बात थी। इस मंदिर में रामलला की मूर्ति के चयन के निर्णायक मंडल में आपकी अहम भूमिका थी, जो सदैव अविस्मरणीय रहेगा।आपके घर में संगीत एवं साहित्य का माहौल था। आपकी पत्नी को संगीत से लगाव था तथा पुत्र यतींद्र मिश्र भी संगीत में अभिरुचि रखते हैं ।आपके यहां सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर से घरेलू संबंध था ।ऐसे तो मालिनी अवस्थी ,अनुराधा पौडवाल ,हरिहरण आदि से भी अच्छे संबंध रहते हैं ।अमिताभ बच्चन अनुपम खेर, वैजयंती माला, हेमा मालिनी से भी मधुर संबंध रहता है ।

आपने राम जन्मभूमि मंदिर के नींव पड़ने के समय सर्वप्रथम दानस्वरूप रुपए दिए थे।
आपके कुशल व्यवहार प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहा राव, अटल बिहारी वाजपेयी ,नरेंद्र मोदी आदि से था।
सन् 1995 में अयोध्या महाराज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र और उनकी पत्नी को उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति ने आमंत्रित किया था।जिसमें आप दोनों वहां पहुंचे थे। वहां भव्य स्वागत किया गया। आपके यहां संगीत ,नृत्य ,साहित्य, राजनीति आदि क्षेत्रों के दिग्गज लोग आते रहते थे।किसी भी जाति धर्म के लोगों से इनका व्यवहार अच्छा रहता था।
23 अगस्त ,2025 अमावस्या की अंधेरी काली रात से भी भयानक समय जब हमारे प्रिय अयोध्या के महाराज एवं जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रथम सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का निधन राजसदन अयोध्या में 71वर्ष की अवस्था हो गया । अयोध्यावासियों ने नम नेत्रों से श्रद्धांजलि दी। इन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव आदि भी प्रमुख रूप से थे।
आज आप हमारे बीच नहीं हैं ,लेकिन उनकी कीर्ति हमेशा जगमगाते रहेंगे ।हमें इन पर गर्व है ।आप हमारे प्रेरणा स्रोत रहेंगे। आपको मुखाग्नि पुत्र यतींद्र मिश्र ने सरयू किनारे दिया ।हम लोग ईश्वर से प्रार्थना करते हैं उन्हें भगवान राम अपने श्री चरणों में स्थान दें ।
उनके संबंध में ये पंक्तियां सटीक उतरती हैं _
किसी ने ठीक ही कहा है _
यूं तो दुनिया के समंदर में,
काफी खला मकां होता नहीं ।लाखों मोती है मगर ,
इस आब का मोती मिलता नहीं।

 

दुर्गेश मोहन
बिहटा,पटना (बिहार)

 

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