
रांची। हिन्दी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्यकार हिमकर श्याम को ‘साहित्य संस्कृति सम्मान’ से सम्मानित किया गया। झारखंड हिन्दी साहित्य संस्कृति मंच के स्थापना दिवस, तुलसी जयंती सह सम्मान समारोह में वाईबीएन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सत्यदेव पोद्दार, चेयरमैन रामजी यादव और साहित्य संस्कृति मंच के संरक्षक विनय सरावगी ने उन्हें सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, शॉल और पौधा देकर सम्मानित किया। मौके पर हिमकर श्याम ने कहा कि यह सम्मान ग्रहण करते हुए हर्ष के साथ गर्व की अनुभूति हो रही है। सृजन-यात्रा में सम्मान का मिलना उत्प्रेरक का काम करता है।
लेखक एवं शायर हिमकर श्याम रांची में रहते हैं। आप कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से जूझते हुए सृजन कार्य में निरंतर सक्रिय हैं। पत्रकारिता से भी जुड़े हैं। उनकी ग़ज़लों की किताब ‘दिल बंजारा’ और काव्य संग्रह ‘युध्दरत हूँ मैं’ चर्चित है। उन्होंने कई किताबों का संपादन किया है, जिसमें ज़िंदगी@लॉकडाउन सम्मिलित है। दोहों का एक संग्रह ‘जीवन की बारहखड़ी’ शीघ्र प्रकाशित होने वाला है। इससे पूर्व भी उन्हें कई सम्मान मिले हैं, जिनमें बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से शताब्दी सम्मान, सृजन शिखर सम्मान, हिन्दी रत्न समान, अटल काव्य रत्न सम्मान, शब्द ऋषि सम्मान, दोहाश्री सम्मान उल्लेखनीय हैं।
कार्यक्रम वाईबीएन यूनिवर्सिटी, नामकुम के सभागार ,रांची में रविवार को संपन्न हुआ। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य (डॉ) धर्मेन्द्र मुख्य अतिथि थे। विशिष्ट अतिथि वाईवीएन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सत्यदेव पोद्दार एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य (हिंदी विभाग) डॉ नंद जी दुबे थे।
प्रस्तुति _दुर्गेश मोहन
बिहटा, पटना (बिहार)