‘शक्ति की भाषा’ के रूप में उभर रही है हिंदी

 

विश्व हिंदी दिवस पर अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

शक्ति की भाषाके रूप में उभर रही है हिंदी

हैदराबाद। ‘हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ और बद्रुका वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय, काचीगुड़ा के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व हिंदी दिवस’ का आयोजन महाविद्यालय परिसर में धूमधास से किया गया।

आज यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ‘हिन्दी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ के महासचिव डॉ. विद्याधर ने बताया  कि कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भाषण देते हुए राज्यसभा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण  ने विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदी को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए एक माह चले काशी-तमिल संगम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी देश को जोड़ने वाली भाषा है। इससे देश की एकता का विकास होता है। इसीलिए सभी को हिंदी सीखनी चाहिए। हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच और बद्रुका महाविद्यालय का कार्यक्रम इस दिशा में सराहनीय है।

उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीकिशन बद्रुका ने कहा कि विश्व भर में  हिंदी को जो स्थान आज मिल रहा है, 10 साल पहले ऐसा नहीं था । अपनी सरलता और सुगमता के कारण हिन्दी की पहचान  दुनिया की वैज्ञानिक भाषाओं के रूप में भी होती है। हिंदी के वैश्विक प्रसार के कारण निश्चित रूप से वह सबका ध्यान आकर्षित कर रही है I

उद्घाटन सत्र में सम्माननीय अतिथि के तौर पर पधारे भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने मानव के स्नायविक विकास की चर्चा करते हुए बौद्धिक विकास में मातृभाषा के महत्व और अनुवाद पर जोर दिया।

ऑनलाइन अतिथि के रूप में आक्स्फोर्ड बिज़नेस कालेज, लंदन के डायरेक्टर डॉ. पद्मेश गुप्त ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के विकास के महत्व को रेखांकित किया। उज़्बेकिस्तान से प्रो. उल्फत मुखीलोवा तथा ब्रिटेन से प्रो. इमरै बंगा ने भी उद्घाटन सत्र में ऑनलाइन वक्तव्य दिया। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विद्वानों के वक्तव्यों से हिंदी भाषा के सुनहरे भविष्य के प्रति सुनिश्चितता प्रकट हुई।

समारोह के बीज वक्ता के रूप में साहित्यकार और हिंदीसेवी प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने हिंदीतर प्रांतों में हिंदी के विकास और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की कार्य क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी तेज़ी से विश्व पटल पर “शक्ति की भाषा’  के रूप में उभर रही है।

“हिंदी के संवर्धन में हिंदीतर विद्वानों का योगदान” विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता अरबामींच विश्वविद्यालय, इथोपिया के प्रो.  गोपाल शर्मा ने तथा द्वितीय सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय हिंदी संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ.  गंगाधर वानोडे ने की।

सम्माननीय अतिथि के रूप में डॉ. घनश्याम उपस्थित रहे। डॉ. बेला और डॉ. जी. प्रवीणाबाई ने विषय प्रवर्तन किया। डॉ. संगीता व्यास,  प्रो. करन सिंह ऊटवाल, प्रो. श्याम राव राठौर, डॉ. माधवी, डॉ. कामेश्वरी , डॉ. कोकिला, डॉ. श्रद्धा तिवारी और  डॉ. शक्ति द्विवेदी तथा अन्य वक्ताओं ने शोधपत्र प्रस्तुत किए।

समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि महेश कोऑपरेटिव बैंक  के चेयरमैन रमेश कुमार बंग ने शिरकत की। साथ ही अध्यक्ष के रूप में बद्रुका महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी.  मोहन कुमार, विशेष अतिथि के रूप में बद्रुका महाविद्यालय के महानिदेशक प्रो. एस. अभिरामकृष्ण, डॉ. डी. विद्याधर, डॉ. राजेश अग्रवाल और रियाजुल अंसारी आदि गणमान्य हस्तियों ने इस महत्वपूर्ण अवसर की शोभा बढ़ाई।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे रमेश कुमार बंग ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी हमारे देश की पहचान है। यह हर एक भारतीयों की रग – रग में बसती हैI  साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी हैं हम विश्व मैंत्री मंच और बद्रुका वाणिज्य विद्यालय के प्रति उनका सहयोग सदैव रहेगा। विशेष अतिथि प्रो. एस अभिरामकृष्ण ने इस अवसर पर सभी को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए अपनी गर्वानुभूति प्रकट की कि हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच ने बद्रुका महाविद्यालय से जुड़ कर इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया।

समापन सत्र के अध्यक्ष और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी. मोहन कुमार ने कहा कि सुबह से लेकर देर शाम तक हिंदी प्रेमियों और विद्वानों की सभागार में उपस्थिति देखकर बड़ी प्रसन्नता हो रही है। महाविद्यालय हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच के साथ जुड़कर इस तरह के कार्यक्रम करने में गर्व की अनुभूति करता है। हमारा सहयोग भविष्य में सदा बना रहेगा।

बद्रुका महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश अग्रवाल ने मुख्य अतिथि रमेश कुमार बंग का परिचय दिया। साथ ही हिंदी की बढ़ोतरी के लिए महाविद्यालय के द्वारा किए जा रहे सहयोग व प्रयासों के बारे में सविस्तार समझाया। हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच के महासचिव डॉ. डी. विद्याधर ने मंच के द्वारा पिछले कई वर्षों से दक्षिण भारत में हिंदी के अंतरराष्ट्रीय कार्यों का सविस्तार विवरण और भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।

‘हिन्दी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. रियाज़ उल अंसारी ने मंच के उद्देश्यों एवं महत्व का विस्तृत परिचय देते हुए सभी सम्मानित अतिथियों एवं वक्ताओं को धन्यवाद दिया I विशेषकर विदेशों से जुड़े डॉ. पद्मेश गुप्त जी, प्रो. इमरै बंघॉ जी तथा प्रो. उल्फत मुखीलोवा  का आभार प्रकट किया I आगे उन्होंने कहा की हमने कोरोना काल में भी मंच की गतिविधियों को जारी रखते हुए चार अन्तरराष्ट्रीय वेब-संगोष्ठियों का आयोजन किया I आगे की योजनओं को बताते हुए उन्होंने कहा कि ख़ुदा ने चाहा तो करोना महामारी के पूर्व स्थगित हुई ‘ऑक्सफ़ोर्ड अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी’ का आयोजन इस वर्ष किया जाएगाI अंत में उन्होंने मंच की कार्यकरिणी समिति को धन्यवाद देते हुवे कॉलेज के प्रशासन तथा कर्मचारियों, विशेषकर मोहम्मद नज़ीर भाई और विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दियाI

समारोह में संयोजक मंडल के सदस्य डॉ.सुरेश कुमार मिश्रा, डॉ. सुषमा देवी, डॉ. जयप्रदा, डॉ. लीलावती और श्रीमती रईसी अफ़रोज़ के अलावा डॉ. रेखा शर्मा, डॉ. बी. बालाजी, डॉ. जयप्रकाश नागला, डॉ. श्रीनिवास आदि सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं और उपक्रमों के प्राध्यापक तथा राजभाषा अधिकारी  उपस्थित थे।

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