
सहारनपुर, भारतीय प्रज्ञान परिषद (प्रज्ञा प्रवाह संबद्व) सहारनपुर में केंद की योजना एवं मंच की वैचारिकी को लेकर जिला और महानगर के प्रमुख कार्यकर्ताओं की महिला, युवा, शोध आयामो को लेकर अलग-अलग स्थानो पर तीन बैठके आयोजित हुई।
बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के क्षेत्रीय संयोजक मा. भगवती प्रसादजी का सभी कार्यकर्ताओं को सानिध्य प्राप्त हुआ। इस दौरान सहारनपुर इतिहास पर कार्य करने वाले विद्वितजनों से भी संपर्क किया हुआ। प्रमुख कार्यकर्ता द्वारा मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के कुलपति से संबंधित प्रमुख विषयों पर वार्ता हुई।
भारतीय प्रज्ञान परिषद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्वाधीनता सेनानियों पर पुस्तक तैयार हुई है। जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अनेक विद्वानों की सहभागिता रही। बैठक में क्षेत्रीय संयोजक मा. भगवती जी ने प्रज्ञा प्रवाह के कार्यों और वैचारिक दृष्टि को सभी प्रमुख कार्यकर्ताओ के सम्मुख रखा।
उन्होंने कहा, कि प्रज्ञा प्रवाह भारत केंद्रित वैचारिकी पर निरंतर कार्य करने वाले विद्वानो को अपने साथ जोडकर उन्हे वैचारिक मंच उपलब्ध कराता है। मंच की वैचारिकी का मुख्य आधार भारत और सनातन वैद्विक संस्कृति और उनके उपलब्ध साक्ष्य है। जिसके लिए मंच से जुडे विद्वान, इतिहासकार साक्ष्यों को जुटाकर मंच के माध्यम से समाज के मध्य रखते रहे है।
उन्होंने कहा, कि प्रज्ञा प्रवाह केंद्र योजना से देश में फैल रही समस्याओं और भारत की मूल भावनाओं से बन रही दूरी चिन्ताओ को दूर करने करने के लिए वैचारिक रूप से विभिन्न पंद्रह बिंदुओं पर लंबे समय तक कार्य करने की योजना बनी है। युवा, महिला, शोध आयाम, प्रचार के माध्यम से यह कार्य चल रहा है। इसी वैचारिकी पर कार्य करने वाला समाज का कोई भी प्रबुद्धजन प्रज्ञा प्रवाह से जुड सकता है।
बैठक में आयाम समन्वयक डा. अमिता अग्रवाल, मंडल संयोजक इंजी. पंकज कुमार, जिला संयोजक डा. जे.पी. सिंह, महानगर संयोजक डा. वंदना रूहेला, डा. अनिता, डा. महेश, राजीव कुमार सहित अनेक शिक्षाविद् सहभागी रहे।
अवनीश त्यागी
प्रांत संयोजक
भारतीय प्रज्ञान परिषद, प्रज्ञा प्रवाह मेरठ
(पश्चिमी उत्तर प्रदेश)