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हिमकर श्याम को मिला ‘साहित्य संस्कृति सम्मान’

  रांची। हिन्दी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्यकार हिमकर श्याम को ‘साहित्य संस्कृति सम्मान’ से सम्मानित किया गया। झारखंड हिन्दी साहित्य संस्कृति मंच के स्थापना दिवस, तुलसी जयंती सह सम्मान समारोह में वाईबीएन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सत्यदेव पोद्दार, चेयरमैन रामजी यादव और साहित्य संस्कृति मंच के संरक्षक विनय […]

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ओेपन डोर प्रकाशन

Open Door 07 August, 2025

    नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें Open Door 07 Aug 2025

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Open Door 07 August, 2025

  Open Door 07 Aug 2025

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साहित्य

स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्य की भूमिका

  हमारा देश भारत अंग्रेजों के अधीन लगभग 300 वर्षों तक रहा ।अंग्रेजों से आक्रांत होकर भारतीय वीर महापुरुषों ने भारत माता की स्वाधीनता के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जिसका जीता जागता उदाहरण 15 अगस्त, 1947 को भारत की स्वतंत्रता तथा 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया ,जो हमारे लिए गर्व […]

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कविता

शांति शिरोमणि तुलसीदास

  भारतीय साहित्य गगन के चन्द्र काव्य जगत के आप हैं हास। वंदनीय हे शांति शिरोमणि नमो भक्त कवि तुलसीदास । बांदा जिला ग्राम राजापुर आपसे हुआ समुन्नत भाल। मां हुलसी के पुत्र महाकवि आत्माराम पिता के लाल। भारत के अभिमान जगत के आप हैं कवि उज्ज्वल आदर्श। नत मस्तक हो विश्व कह रहा धन्य […]

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कविता

शिव स्तुति

  शिव की महिमा का है चमत्कार। उन्होंने बनाया बहुत बड़ा संसार। ये हैं अग्रगण्य त्रिपुरारी। ये तांडव नृत्य करते हैं भयहारी। इनकी डमरू बोलती डम_डम_डम। इनके भक्त नाचते छम_छम_छम। भोला खाते भांग _धतूरा। ये कल्याण करते पूरा_पूरा। इनको भाते हैं अकोन, कनेर, धतूरा के फूल। जो उनकी पूजा के लिए है मूल। औढरदानी का […]

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News

प्रेमचंद को प्रेमचंद ही रहने दें मुंशी प्रेमचंद ना बनाएं : डॉ. सम्राट् सुधा

  रुड़की, हिन्दी के कथा सम्राट् प्रेमचंद की 144 वीं जयंती 31 जुलाई, 2025 को बीत चुकी। वे मुंशी प्रेमचंद थे या प्रेमचंद , यह प्रश्न विवादित है। इस संदर्भ में हिन्दी साहित्यकार और प्रोफेसर डॉ. सम्राट् सुधा ने एक भेंट में बताया कि यह सुस्पष्ट है कि प्रेमचंद का सही नाम प्रेमचंद ही लिखा […]

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व्यक्तित्व

तुलसीदास : रामकथा के जनसुलभ प्रस्तोता

      * डॉ. सम्राट् सुधा   किंवदंतियों के अनुसार, बारह महीने तक माता के गर्भ में रहने वाले तुलसी ने जन्म लेते ही राम-नाम का उच्चारण किया था। रामकथा को बनाया जनसुलभ ————– प्रभु श्रीराम की कथा को जन-सुलभ बनाने के लिए तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की। इसके माध्यम से उन्होंने संपूर्ण […]

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प्रेमचंद को श्रद्धांजलि स्वरूप वेबिनार व अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

  सिलीगुड़ी।”अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) की ओर से प्रेमचंद जयंती को समर्पित श्रद्धांजलि स्वरूप संस्था के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं संस्थापक सचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में गूगल मीट के माध्यम से प्रथम सत्र में उनकी विभिन्न रचनाओं पर एक वेबिनार एवं द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन का […]

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पुस्तक समीक्षा

रोही की रोजड़ी : राजस्थान की माटी से एक प्रेरक संस्मरण संग्रह

पुस्तक समीक्षा   मनुष्य के सूक्ष्म मनोविज्ञान ,राजस्थान की सुगंध और किसी भी व्यक्ति की विविध परिस्थितियों को लिए हिन्दी संस्मरण विधा का एक मर्मस्पर्शी संग्रह ‘रोही की रोजड़ी’ जून,2025 में प्रकाशित हुआ है। लेखिका हैं संतोषी। एक कौतूहल हैं ‘रोही’ और ‘रोजड़ी’ ! ये हिन्दी विशेष के पाठकों के लिए अपरिचित शब्द हैं। समीक्षक […]

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