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पुस्तक समीक्षा

साहित्यकार ऋषभ के व्यक्तित्व और कृतित्व का समग्र आकलन

    डॉ. सुषमा देवी नजीबाबाद (उत्तर प्रदेश) से प्रकाशित त्रैमासिक शोध पत्रिका ‘शोधादर्श’ द्वारा  हिंदी भाषा-साहित्य के चर्चित हस्ताक्षर प्रोफेसर ऋषभदेव शर्मा के रचना संसार पर आधारित विशेषांक ‘प्रेम बना रहे’ को पाँच खंडों में विभाजित करते हुए प्रकाशित किया गया है। प्रथम खंड ‘आखिन की देखी’ में प्रो.  ऋषभदेव शर्मा के सान्निध्य में […]

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पुस्तक समीक्षा

‘शोधादर्श’ का विशेषांक : प्रेम बना रहे

    ✍️समीक्षक : डॉ. चंदन कुमारी गन्ने के गाँव खतौली से मोतियों के शहर हैदराबाद तक की संघर्ष और कामयाबी भरी अपनी यात्रा के विविध पड़ावों में जन-जन से संपर्क सूत्र साधते; सहज गति से अविराम मनःस्थिति के साथ निरंतर साहित्य सृजन में लीन और संगोष्ठियों में सदैव तत्पर रहनेवाले प्रो. ऋषभदेव शर्मा (1957) […]

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2022 की पुुस्तकें ओेपन डोर प्रकाशन

कुछ लम्स कुछ गिरहें अमलतास

    पुस्तक का नाम – कुछ लम्स कुछ गिरहें अमलतास विधा – (काव्य संग्रह) कवि – अर्चना राज चैबे प्रकाशक – ओपन डोर, नजीबाबाद आईएसबीएन – 978-81-958838-0-6 प्रथम संस्करण – 2022 पुस्तक मंगाने का पता – साईं एंक्लेव, निकट धनौरा देवता, आयल डिपो रोड, नजीबाबाद-246763 मोबा.- 9897742814 इमेल- opendoornbd@gmail.com मूल्य – 200 रुपए (डाक […]

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News

‘शक्ति की भाषा’ के रूप में उभर रही है हिंदी

  विश्व हिंदी दिवस पर अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न ‘शक्ति की भाषा‘ के रूप में उभर रही है हिंदी हैदराबाद। ‘हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ और बद्रुका वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय, काचीगुड़ा के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व हिंदी दिवस’ का आयोजन महाविद्यालय परिसर में धूमधास से किया गया। आज यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में […]

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News

विश्व हिंदी दिवस : हिंदी ज्ञान-विज्ञान-कम्प्युटर की भाषा

  दिनांक-11.1.2023 खाजा बंदानवाज़ विश्वविद्यालय, कलबुर्गी के हिंदी विभाग द्वारा “आधुनिक संदर्भ में हिंदी के विविध आयाम” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी का आयोजन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. देशमुख अफशाँ बेगम तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. मिलन बिश्नोई द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार,संपादक […]

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पुस्तक समीक्षा

तुलसी, राम और रामायण का नाता

*पुस्तक समीक्षा : डॉ. चंदन कुमारी* साहित्य, समाज और संस्कृति में रामकथा अनेकानेक रूप में विद्यमान है। जैसे हंस में नीर-क्षीर विवेक होता है वैसे ही हर प्राणी के मन में नीर-क्षीर की परिकल्पना तो होती है, पर उनमें यह परिकल्पना मत वैभिन्न्य के साथ होती है। जिसे जो भाता है उसे ही वह चुनता […]

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शोध लेख

शोध कार्यों में साहित्यिक चोरी : कारण और निवारण

डॉ. मुकेश कुमार एसोसिएट प्रोफ़ेसर, वनस्पतिविज्ञान विभाग, साहू जैन कॉलेज, नजीबाबाद (बिजनौर) उ.प्र.   साहित्यिक चोरी का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। लगभग 2000 पूर्व, सन 80 में रोमन कवि मार्शल ने आरोप लगाया था कि उनकी कविताओं को अन्य व्यक्तियों ने अपने नाम से सुनाया था। रोमन कानून में इस प्रकार के कार्य करने […]

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News

सुधीर राणा को शिक्षक श्री सम्मान

‘बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ’ नजीबाबाद के कार्यालय पर संस्था के अध्यक्ष गोविंद सिंह बौद्ध ने राज्य सरकार द्वारा सम्मानित शिक्षक ‘सुधीर कुमार राणा’ को ‘शिक्षक श्री’ सम्मान से सम्मानित किया। शिक्षक सुधीर कुमार राणा ने सम्मान प्राप्त करने के बाद संबोधित करते हुए कहा कि हम सरकार की योजना के तहत उन बच्चों को शिक्षित करते […]

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शोध लेख

इन्द्रदेव भारती के गीतों में लोक भावना

  गीतकार इन्द्रदेव भारती ने, उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर की तहसील नजीबाबाद के ग्राम लालपुर के संभ्रांत किसान पंडित अनूपदत्त शर्मा के ज्येष्ठ पुत्र मास्टर चिरंजीलाल शर्मा के कनिष्ठ पुत्र रत्न के रूप में 4 नवंबर 1945 को जन्म लिया। आपकी मातु श्री श्रीमती रक्षा देवी जी सीधी-सादी धर्म परायण महिला थीं। तख़्ती, बुतका, […]

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पुस्तक समीक्षा साहित्य

एक बेगम की जिन्दगी का सच

जिसमें इतिहास की गरिमा और साहित्य की रवानी है   अनिल अविश्रांत    कहा जाता है कि कुछ सच कल्पनाओं से भी अधिक अविश्वसनीय होते हैं। ‘बेगम समरू का सच’ कुछ ऐसा ही सच है। एक नर्तकी फरजाना से बेगम समरू बनने तक की यह यात्रा न केवल एक बेहद साधारण लड़की की कहानी है बल्कि एक ऐसे युग से गुजरना है जिसे इतिहासकारों ने […]

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