पत्रकारिता
स्वतंत्रा संग्राम और गांधी की पत्रकारिता
- editor
- October 8, 2023
संदीप कुमार शर्मा (स.अ.) महात्मा गांधी जी की पत्रकारिता उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जो उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ अपने दृढ़ नैतिक और सामाजि एसक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी उपयोग की। उनकी पत्रकारिता के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है- सत्याग्रह – गांधी जी […]
Read Moreमहात्मा गांधी की जनसंचार पद्धति : एक प्रकाश स्तंभ
- editor
- October 8, 2023
कुमार कृष्णन महात्मा गांधीजी एक राष्ट्रीय नेता और समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक महान संचारक भी थे। एक से अधिक, उन्होंने माना कि राय बनाने और लोकप्रिय समर्थन जुटाने के लिए संचार सबसे प्रभावी उपकरण है। गांधीजी सफल रहे क्योंकि उनके पास संचार में एक गुप्त कौशल था जो दक्षिण अफ्रीका में सामने आया […]
Read Moreदेश और मीडिया एक विवेचन बदले हालात की पत्रकारिता
- editor
- August 26, 2023
डाॅ. श्रीगोपाल नारसन बदले हालात में और इतिहास बनती हिंदी पत्रकारिता को बचाने के लिए विचार करना होगा कि सुबह का अखबार कैसा हो? समाचार चैनलों पर क्या परोसा जाए? क्या नकारात्मक समाचारों से परहेज कर सकारात्मक समाचारों की पत्रकारिता संभव है? क्या धार्मिक समाचारों को समाचार पत्रों में स्थान देकर पाठको को धर्मावलम्बी […]
Read Moreसोशल मीडिया का बदलता चरित्र
- editor
- August 25, 2023
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा इधर कुछ समय से कई अत्यंत संवेदनशील विषयों के संदर्भ में अपनी विवादास्पद भूमिका के कारण मीडिया (मुद्रित और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता) प्रश्नों के घेरे में है। इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है कि मीडिया को अधिक संवेदनशील, अधिक प्रामाणिक, अधिक विश्वसनीय और अधिक मानवीय बनना चाहिए। जबकि वह दिनोंदिन […]
Read More‘त्रैमासिक निःशुल्क पत्रकारिता कोर्स’
- editor
- August 2, 2023
पत्रकारिता उतनी सरल भी नहीं है जितनी कि लोग समझ लेते हैं। पत्रकारिता की अपनी सीमाएं, पीड़ाएं, चिंताएं और सरोकार होते हैं। पत्रकारिता और उसके हितों के प्रति भारतीय संविधान और सरकार लगभग मौन ही हैं। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कहकर लाॅलीपाॅप ही थमाया जाता है। पत्रकारिता को सभी राजनीतिक पार्टियां अपने लिए […]
Read Moreपं. पद्मसिंह शर्मा और ‘भारतोदय’
- editor
- April 1, 2023
अमन कुमार ‘त्यागी’ पं. पद्मसिंह शर्मा का जन्म सन् 1873 ई. दिन रविवार फाल्गुन सुदी 12 संवत् 1933 वि. को चांदपुर स्याऊ रेलवे स्टेशन से चार कोस उत्तर की ओर नायक नंगला नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। इनके पिता श्री उमराव सिंह गाँव के मुखिया, प्रतिष्ठित, परोपकारी एवं प्रभावशाली व्यक्ति थे। […]
Read Moreक्रांति का बीजपत्र : आंचलिक पत्रकरिता
- editor
- April 1, 2023
– अरविंद कुमार सिंह ‘‘खींचो न कमानों को, न तलवार निकालो जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो।’’ गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम की रेती से जब ये क्रांतिकारी पंक्तियां अकबर इलाहाबादी की शायरी से जनमानस के दिलों में उतर रही थीं; तो प्रयाग वैसा नहीं था, जैसा आज दिखता है। तीर्थराज की यह धरती […]
Read Moreभारतीय परिदृष्य में मीडिया में नारी चित्रण
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- April 1, 2023
डाॅ0 गीता वर्मा एसोसिऐट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, बरेली कालेज, बरेली। “नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में। पीयूशस्त्रोत सी बहा करो, अवनि और अम्बर तल में।।“ महिलाएं पत्रकारिता में मानवीय पक्ष को उजागर करती हैं। जय शंकर प्रसाद के अनुसार ‘नारी की करुणा अंतर्जगत का उच्चतम बिंब है जिसके बल […]
Read Moreआपात्काल, पत्रकारिता और साहित्यकार सन् 1975 से 1979 ई.
- editor
- April 1, 2023
अमन कुमार तत्कालीन परिस्थितियाँ सच यही है कि यह दौर भारत के लिए अच्छा नहीं था। ‘‘यह वह दौर है जब देश आजादी के बाद के सबसे बुरे दौर से गुजरा। आजादी के सपनों का टूटना जो पिछले दशक में शुरू हुआ था वह यहाँ तक आते पूरी तरह बिखर गया। सत्ता में पहली बार […]
Read Moreआजादी आंदोलन – दक्षिण भारत में हिंदी प्रचार और हिंदी पत्रकारिता
- editor
- April 1, 2023
व्याख्यान – ऋषभदेव शर्मा सबसे पहले तो आपको इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए इतना प्रासंगिक और विचारोत्तेजक विषय चुनने के लिए साधुवाद। इस विषय के स्पष्टतः तीन आयाम हैं। पहला आयाम है ‘आजादी आंदोलन’। दूसरा ‘दक्षिण भारत में हिंदी प्रचार’। और तीसरा ‘दक्षिण भारत में हिंदी पत्रकारिता’। मेरा विचार है कि ‘आजादी आंदोलन’ शब्द-युग्म बहुत […]
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