व्यक्तित्व

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भाषाई संस्कारों के कोश थे साहित्यकार त्रिलोचन

  ■ डॉ. सम्राट् सुधा मेरा यह सौभाग्य रहा कि प्रगतिवादी काव्य के स्तंभ-कवि त्रिलोचन से मैं जीवन में तीन बार मिल सका। इनमें 28 अक्टूबर, 2001 की भेंट तो नितान्त औपचारिक ही थी, जब रुड़की की एक संस्था के निवेदन पर मैं उन्हें लेने ज्वालापुर ( हरिद्वार ) गया था। फिर ,जून 2005 से […]

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तुलसीदास : रामकथा के जनसुलभ प्रस्तोता

      * डॉ. सम्राट् सुधा   किंवदंतियों के अनुसार, बारह महीने तक माता के गर्भ में रहने वाले तुलसी ने जन्म लेते ही राम-नाम का उच्चारण किया था। रामकथा को बनाया जनसुलभ ————– प्रभु श्रीराम की कथा को जन-सुलभ बनाने के लिए तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की। इसके माध्यम से उन्होंने संपूर्ण […]

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पंडित गौरीदत्त (1836 – 8 फ़रवरी 1906)

पंडित गौरीदत्त का जन्म पंजाब प्रदेश के लुधियाना नामक नगर में सन् 1836 में हुआ था। आपके पिता पंडित नाथू मिश्र प्रसिद्ध तांत्रिक और सारस्वत ब्राह्मण थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा साधारण ही हुई थी। केवल पंडिताई का कार्य करने तक ही वह सीमित थी। जब आपकी आयु केवल 5 वर्ष की ही थी तब आपके […]

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प्रकाशवीर शास्त्री

प्रकाशवीर शास्त्री (30 दिसम्बर 1923 – 23 नवम्बर 1977) भारतीय संसद के सदस्य तथा आर्यसमाज के नेता थे। उनका मूल नाम ‘ओमप्रकाश त्यागी’ था। वे एक प्रखर वक्ता थे। उनके भाषणों में तर्क बहुत शक्तिशाली होते थे। उनका भाषण सुनने के लिये लोग दूर-दूर से पैदल चलकर आ जाते थे। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक […]

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महेंद्र अश्क को शायरी का शौक़ जूनून की हद तक था

अल्लाह मेरी फ़िक्र को इतनी रसाई दे/ मैं देखने लगू तो मदीना दिखाई दे। यह शेर किसी मुस्लिम शायर का नहीं बल्कि आलमी शौहरत याफ्ता शायर महेन्द्र सिंह अश्क का है।अश्क साहब ने शायरी खास तौर से नात गोई में बहुत नाम कमाया। एक ज़माना था,जब बड़े मुशायरो की फहरिस्त में बेकल उत्साही,जिगर मुरादाबादी,खुमार बारा […]

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चन्द्रशेखर आज़ाद

  चन्द्रशेखर ‘आजाद (23 जुलाई 1906 — 27 फ़रवरी 1931) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् 1922 में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे […]

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बाल गंगाधर तिलक

  बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक, मूल नाम केशव गंगाधर तिलक, 23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920), एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक काल में उन्होंने भारतीय स्वतन्त्रता के लिये नये विचार रखे और अनेक प्रयत्न किये। अंग्रेज उन्हें “भारतीय अशान्ति के […]

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मंगल पांडे

  मंगल पांडे (मृत्यु 8 अप्रैल 1857) एक भारतीय सैनिक थे, जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी , जिसके परिणामस्वरूप ईस्ट इंडिया कंपनी का विघटन हुआ और भारत सरकार अधिनियम 1858 के माध्यम से ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई । वह बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की 34वीं रेजिमेंट में सिपाही […]

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एक थी मां मीरा, दूजा रासबिहारी, डॉ. राशदादा की दुनिया अजब निराली

  पटना। मीरा मां के जन्मदिन पर 18 नवंबर को असंख्य बधाइयां एवं शुभकामनाएं, भारत और भारत के बाहर रह रहे अनेक अनेक मित्रों, सहयोगियों, साथियों एवं साहित्यकारों द्वारा अनवरत सोशल मीडिया पर एवं डॉo राशदादा को फोन पर भी प्राप्त होते रहे।सभी मित्रों को राशदादा का नमन वंदन है एवं प्रार्थना है माँ से […]

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बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का स्वर पंचतत्व में भी गूंजा

  बिहार के लोक संगीत को विश्व के पटल पर विशिष्ट स्थान दिलाने वाली और अपनी पहचान को प्रसिद्धि में शुमार कराने वाली गायिका थी _शारदा सिन्हा ।वे लोक संगीत की दुनिया में बेमिसाल थीं। आप भोजपुरी ,मैथिली, मगही ,अंगिका ,बज्जिका , हिंदी आदि भाषाओं में निपुण थीं।शारदा सिन्हा बिहार कोकिला और लोक संगीत की […]

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