साहित्य

ग़ज़ल सम्राट: दुष्यंत कुमार
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- September 20, 2022
अमन कुमार /आलोक कुमार दुष्यंत कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश में जनपद बिजनौर के ग्राम राजपुर नवादा के जमींदार परिवार में 1 सितंबर 1933 को हुआ था। आपकी माता जी का नाम श्रीमती राम किशोरी देवी एवं पिता का नाम चैधरी भगवत सहाय था। कवि की प्रारंभिक शिक्षा गाँव की ही पाठशाला में हुई। 1948 […]
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पं. पद्मसिंह शर्मा और ‘भारतोदय’
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- September 20, 2022
– अमन कुमार ‘त्यागी’ पं. पद्मसिंह शर्मा का जन्म सन् 1873 ई. दिन रविवार फाल्गुन सुदी 12 संवत् 1933 वि. को चांदपुर स्याऊ रेलवे स्टेशन से चार कोस उत्तर की ओर नायक नंगला नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। इनके पिता श्री उमराव सिंह गाँव के मुखिया, प्रतिष्ठित, परोपकारी एवं प्रभावशाली व्यक्ति थे। […]
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मजदूरी और प्रेम
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- September 19, 2022
– सरदार पूर्ण सिंह हल चलाने वाले का जीवन हल चलाने वाले और भेड़ चराने वाले प्रायः स्वभाव से ही साधु होते हैं। हल चलाने वाले अपने शरीर का हवन किया करते हैं। खेत उनकी हवनशाला है। उनके हवनकुंड की ज्वाला की किरणें चावल के लंबे और सुफेद दानों के रूप में निकलती हैं। गेहूँ […]
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बस एक फ़ोन
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- September 19, 2022
-प्रगति गुप्ता “पूर्वा!दो तीन दिन से तेरे बारे में सोच रही थी बेटा।सोचा तुझे फ़ोन ही कर लूँ।आजकल मैं जयपुर आई हुई हूँ। तेरे अंकल की तबीयत कुछ ज्यादा खराब हो गई थी। तुम, विजय और बच्चे सब सकुशल तो हो ना बेटा। बहुत दिनों से कोई बातचीत भी नहीं हुई..कोई खास वज़हतो नहीं।”… सुदर्शना […]
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मंजिलें ! और भी हैं ….।
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- September 19, 2022
इस जिंदगी का भी ,कुछ पता नहीं है ..ना जाने ! कब किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दे…इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जिंदगी में जब सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, तभी अचानक एक झटका सा लगता है… और सारे समीकरण गड़बड़ा जाते हैं ,और आदमी […]
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जानकर महिला
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- September 19, 2022
सन्नाटे को चीरती हुई घर में सुमन की जोर से आवाज आई – अरे वाह ! क्या बात है , आज मैं बहुत खुश हूँ । मैं बता नहीं सकती मुझे कैसा लग रहा है । ( ऐसा कहती हुई सुमन रसोईं बन्दकर कमरे की तरफ गई ) सुमन – हाय राम , जल्दी करूँ […]
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जिंदगी के अनुभवों की परतें-स्टेपल्ड पर्चियाँ
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- September 19, 2022
- पुस्तक समीक्षा
भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन से प्रकाशित सुप्रसिद्ध लेखिका प्रगति गुप्ता का कहानी संग्रह ‘स्टेपल्ड पर्चियाँ’ जैसे बेशुमार अनुभवों का खजाना है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अनेकानेक अनुभवों से गुजरता है। हर अनुभव एक कहानी बनकर उसकी स्मृतियों में स्टेपल होती रहती है और ऐसी कई कहानियाँ परत दर परत स्टेपल होकर कई गड्डियाँ बन जातीं हैं। […]
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निधि ‘मानसिंह’ की दो लघुकथा
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- September 18, 2022
1 ( इन्सानियत ) रघु, जितना हो सके उतनी तेज रिक्शा चला रहा था। अचानक दूर से एक व्यक्ति हाथ हिला कर उसकी ओर रिक्शा रोकने का इशारा करता हुआ दौडा चला आ रहा था। रघु ने रिक्शा रोकी तो वो आदमी बोला – उसे लाल बत्ती के पास वाले अस्पताल में जाना है। रघु […]
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अंकुर सिंह
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- September 16, 2022
हिंदी बने राष्ट्र भाषा हमारा हो निज भाषा पर अधिकार, प्रयोग हिंदी का, करें इसका विस्तार। निज भाषा निज उन्नति का कारक, निज भाषा से मिटे सभी का अंधकार।। हिंदी है हिंदुस्तान की रानी, हो रही अब सभी से बेगानी। अन्य भाषा संग, हिंदी अपनाओ, ताकि हिंदी संग ना हो बेमानी।। माथे की शोभा बढ़ाती बिंदी, निज भाषा जान हैं हिन्दी। आओ मिल इसका करें विस्तार, […]
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लोकप्रिय गीतकार रामावतार त्यागी
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- September 15, 2022
क्षेमचंद्र ‘सुमन’ ‘‘मेरी हस्ती को तोल रहे हो तुम, है कौन तराज़ू जिस पर तोलोगे? मैं दर्द-भरे गीतों का गायक हूं, मेरी बोली कितने में बोलोगे ?’’ त्यागी की ये पंक्तियां हालांकि मेरे लिए चुनौती हैं, फिर भी मैं उसकी हस्ती को तोलने और उसके दर्द-भरे गीतों की बोली बोलने की हिम्मत कर […]
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