डिजिटल डेस्क। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को दिल्ली पुलिस के दो एसएचओ, दो एसआई और एक एएसआई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया। एलजी के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, सहायक उप निरीक्षक हीरा लाल, उप निरीक्षक राहुल सागर, एसआई रवि पूनिया, वर्तमान स्टेशन हाउस अधिकारी हरीश कुमार और तत्कालीन एसएचओ संजीव गौतम ने 8 अगस्त को पीसीआर के माध्यम से प्राप्त एक शिकायत में कार्रवाई करने पर गंभीर चूक बताया। हालांकि, शिकायत 2018 में की गई थी, जहां मूसा के फरीद और शान अली द्वारा शारीरिक रूप से हमला करने का मामला था।
असमा बीबी द्वारा 15.01.2019 को पुलिस शिकायत प्राधिकरण (पीसीए) में दर्ज की गई एक शिकायत में विस्तृत रूप से बताया गया है कि उनके बेटे हसरत द्वारा की गई पीसीआर कॉल आईओ द्वारा अनसुनी कर दी गई, जिन्होंने न तो पीड़िता की मेडिकल जांच कराई और न ही उसने आरोपी के खिलाफ कोई जांच की।
18, अगस्त को आसमा बीबी के भाई मूसा को एमएलसी नंबर ए4670/40/18 के तहत जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई। एसआई रवि पूनिया द्वारा एफआईआर नंबर 729/2018 यू/एस 323/341/34 आईपीसी दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता आसमा बीबी ने कहा कि 30.12.2018 को हमले के दौरान 08.12.2018 को लगी चोटों के कारण पीड़ित की मृत्यु हो गई, लेकिन आईओ द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने न तो कोई जांच की, न ही कोई प्राथमिकी दर्ज की, न ही किसी धारदार वस्तु से पेट में लगी चोट और इस चोट के कारण पीड़ित की बाद में हुई मौत के संबंध में कोई आरोप पत्र दायर किया। इस मामले से निपटने वाले पुलिस अधिकारियों की ओर से पूरी तरह से निष्क्रियता थी।
पीसीए ने मामले की गहन जांच के बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश की। अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट के अवलोकन से पता चला है कि पीसीए के समक्ष अपने बयान में पुलिस कर्मियों ने खुद अपनी चूक/कदाचार स्वीकार किया है। एलजी ने अपने आदेश में कहा है, पुलिस शिकायत प्राधिकरण की सिफारिश स्वीकार की जाती है। दिल्ली पुलिस को नियमानुसार दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
(आईएएनएस)
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