डिजिटल डेस्क। राजनैतिक पार्टियों पर चंदे को लेकर शिकंजा कसने की तैयारी में चुनाव आयोन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इलेक्शन कमीशन चुनावी फंडिंग में काले धन पर लगाम लगाने की कवायद तेज कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आयोग राजनैतिक दलों को अज्ञात स्त्रोतों से मिले चंदे की लिमिट 20,000 रूपए से घटाकर 2000 रूपए करने पर विचार कर रहा है, इसे लेकर चीफ चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर प्रतिनिधित्व अधिनियम में कई संशोधनों की सिफारिश की है। कर चोरी के आरोप में आयकर विभाग ने देश भर में कई ठिकानों पर छापे मारे थे।
चुनावी सुधार के अंतर्गत चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए ईसी यह कदम उठाने जा रहा है। हाल ही में ईसी ने 284 डिफॉल्ट और गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची तैयार की थी। जिनमें से 253 से अधिक राजनैतिक दलों को निष्क्रिय घोषित किया गया।
अभी तक 20 हजार से अधिक राशि की जानकारी राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को देनी पड़ती थी, लेकिन अब चुनाव आयोग चाहता है कि इस राशि को दो हजार तक कर दिया जाए।
आईएएनएस न्यूज एंजेसी के हवाले से पता चला है कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में सुधार और पारदर्शिता के मकसद से गुमनाम राजनीतिक चंदे को 20,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव भेजा है।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर जनप्रतिनिधित्व कानून में विभिन्न संशोधनों की सिफारिश की थी। हाल ही में, आयोग ने 284 गैर-अनुपालन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को हटा दिया, उनमें से 253 से अधिक को निष्क्रिय घोषित कर दिया। इससे पहले आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में देशभर में ऐसी कई संस्थाओं पर छापेमारी की थी।
वर्तमान में, राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से अधिक के सभी चंदे का खुलासा अपनी योगदान रिपोर्ट के माध्यम से करना होता है जो चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया जाता है। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे की सीमा को 20,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव भेजा है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो 2,000 रुपये से अधिक के सभी दान आयोग को प्रस्तुत की जाने वाली योगदान रिपोर्ट का हिस्सा होंगे।
कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जिन्होंने 20,000 रुपये से अधिक का योगदान जीरो दिखाया है, जबकि उनके लेखा परीक्षित खातों के विवरण में बड़ी मात्रा में प्राप्तियां दिखाई गई हैं। चुनाव आयोग ने काले धन के चुनावी चंदे को खत्म करने के लिए नकद चंदे को 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रुपये तक सीमित करने का भी प्रस्ताव भेजा है।
सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों से उम्मीदवार द्वारा चुनाव से संबंधित रसीद और भुगतान के लिए एक अलग खाता भी बनाए रखा जाएगा और इसे पारदर्शी रूप से चुनाव खर्च के रूप में अधिकारियों को बताना होगा। इसके अलावा, आयोग यह भी चाहता है कि प्रत्येक उम्मीदवार चुनाव उद्देश्यों के लिए एक अलग बैंक खाता खोले, जिसमें चुनाव खर्च के हिस्से के रूप में सभी खचरें और प्राप्तियों से संबंधित सभी विवरण होंगे। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित चुनावी सुधारों में राजनीतिक दलों को फंडिंग में अधिक पारदर्शिता के लिए पार्टियों के फंड से विदेशी फंड को अलग करना भी शामिल है।