हमारा उद्देश्य है कि हम अपने देश के सभी नागरिकों को अपने संविधान से अवगत कराएं ताकि हम अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें और अपने देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखें। इसी उद्देश्य से प्रारंभ किया जा रहा है संविधान का प्रकाशन। यह पहली किश्त है ‘भारतीय संविधान (26 नवंबर, 2021 को यथाविद्यमान) की विषय सूची।
पाठकगण कृपया, किसी भी प्रकार की त्रुटि अथवा भूल की जानकारी अवश्य दें।
संपादक
अनुच्छेद और उद्देश्य
भाग 1 – संघ और उसका राज्यक्षेत्र
1. संघ का नाम और राज्यक्षेत्र
2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
ख्2क. सिक्किम का संघ के साथ सहयुक्त किया जाना – लोप किया गया।,
3. नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
4. पहली अनुसूची और चैथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां
भाग 2 – नागरिकता
5. संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
6. पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
7. पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
8. भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
9. विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना
10. नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
11. संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
भाग 3 – मूल अधिकार
साधारण
12. परिभाषा
13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीाकरण करने वाली विधियां
समता का अधिकार
14. विधि के समक्ष समता
15. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
16. लेक नियोजन के विषय में अवसर की समता
17. अस्पृश्यता का अंत
18. उपधियों का अंत
स्वातंत्र्य-अधिकार
19. वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
20. अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
21. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
21क. शिक्षा का अधिकार
22. कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध अधिकार
23. मानव के दुव्र्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध
24. कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
25. अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
26. धार्मिक कार्यो के प्रबंध की स्वतंत्रता
27. किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता
28. कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
29. अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
30. शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गो का अधिकार
ख्31.संपत्ति का अनिवार्य अर्जन – लोप किया गया।,
कुछ विधियों की व्यावृत्ति
31क. संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
31ख. कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
31ग. कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
ख्31घ. राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप के संबंध में विधियों की व्यावृत्ति – लोप किया गया।,
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
32. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
ख्32क. राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता पर अनुच्छेद 32 के अधीन कार्यवाहियों में विचार न किया जाना – लोप किया गया।,
33. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
34. जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन
35. इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान
भाग 4 – राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
36. परिभाषा
37. इस भाग में अंतर्विष्ट तत्त्वों का लागू होना
38. राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
39. राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्त्व
39क. समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता
40. ग्राम पंचायतों का संगठन
41. कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
42. काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
43. कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
43क. उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना
43ख. सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन
44. नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता
45. छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा का उपबंध
46. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
47. पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
48. कृषि और पशुपालन का संगठन
48क. पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
49. राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
50. कार्यपालिका से न्यायपालिका का पष्थक्करण
51. अतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि
भाग 4क – मूल कर्तव्य
51क. मूल कर्तव्य
भाग 5 – संघ
अध्याय 1-कार्यपालिका
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
52. भारत का राष्ट्रपति
53. संघ की कार्यपालिका शक्ति
54. राष्ट्रपति का निर्वाचन
55. राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
56. राष्ट्रपति की पदावधि
57. पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
58. राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
59. राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें
60. राष्ट्रपति द्वारा शपथ का प्रतिज्ञान
61. राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
62. राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
63. भारत का उपराष्ट्रपति
64. उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
65. राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
66. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
67. उपराष्ट्रपति की पदावधि
68. उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
69. उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
70. अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन
71. राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषय
72. क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
73. संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद्
74. राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद्
75. मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
भारत का महान्यायवादी
76. भारत का महान्यायवादी
सरकारी कार्य का संचालन
77. भारत सरकार के कार्य का संचालन
78. राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधान मंत्री के कर्तव्य
अध्याय 2-संसद्
साधारण
79. संसद् का गठन
80. राज्य सभा की संरचना
81. लोक सभा की संरचना
82. प्रत्येक जनगणना के पश्चात्
83. संसद् के सदनों की अवधि
84. संसद् की सदस्यता के लिए अर्हता
85. संसद् के सत्र, सत्रावास और विघटन
86. सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार
87. राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण
88. सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार
संसद् के अधिकारी
89. राज्य सभा का सभापति और उपसभापति
90. उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
91. सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
92. जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
93. लोक सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
94. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
95. अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
96. जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
97. सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
98. संसद् का सचिवालय
कार्य संचालन
99. सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
100. सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएं
101. स्थानों का रिक्त होना
102. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
103. सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
104. अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करनेग से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
संसद् और उसके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां
105. संसद् के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
106. सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
107. विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
108. कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
109. धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
110. ‘‘धन विधेयक’’ की परिभाषा
111. विधेयकों पर अनुमति
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
112. वार्षिक वित्तीय विवरण
113. संसद् में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
114. विनियोग विधेयक
115. अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
116. लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
117. वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
118. प्रक्रिया के नियम
119. संसद् में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
120. संसद् में प्रयोग की जाने वाली भाषा
121. संसद् में चर्चा पर निर्बन्धन
122. न्यायालयों द्वारा संसद् की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 3-राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
123. संसद् के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अध्याय 4-संघ की न्यायपालिका
124. उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
124क. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग
124ख. आयोग के कृत्य
124ग. विधि बनाने की संसद् की शक्ति
125. न्यायाधीशों के वेतन आदि
126. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
127. तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
128. उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
129. उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
130. उच्चतम न्यायालय का स्थान
131. उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
ख्131क. केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के बारे में उच्चतम न्यायालय की अनन्य अधिकारिता – लोप किया गया।,
132. कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता
133. उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीलीय अधिकारिता
134. दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
134क. उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
135. विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना
136. अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
137. निर्णयों या आदेशों का उच्चतमत न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन
138. उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
139. कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना
139क. कुछ मामलों का अंतरण
140. उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियां
141. उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना
142. उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
143. उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
144. सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता में कार्य किया जाना
ख्144क. विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निपटारे के बारे में विशेष उपबंध – लोप किया गया।,
145. न्यायालय के नियम आदि
146. उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
147. निर्वचन
अध्याय 5-
भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
148. भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक
149. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां
150. संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप
151. संपरीक्षा प्रतिवेदन
भाग 6 – राज्य
अध्याय 1-साधारण
152. परिभाषा
अध्याय 2-कार्यपालिका
राज्यपाल
153. राज्यों के राज्यपाल
154. राज्य की कार्यपालिका शक्ति
155. राज्यपाल की नियुक्ति
156. राज्यपाल की पदावधि
157. राज्यपाल नियुक्त होने के लिए अर्हताएं
158. राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
159. राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
160. कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
161. क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
162. राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद्
163. राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद्
164. मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
राज्य का महाधिवक्ता
165. राज्य का महाधिवक्ता
सरकारी कार्य का संचालन
166. राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
167. राज्यपाल को जानकारी देने, आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अध्याय 3-राज्य का विधान-मंडल
साधारण
168. राज्यों के विधान-मंडलों का गठन
169. राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन
170. विधान सभाओं की संरचना
171. विधान परिषदों की संरचना
172. राज्यों के विधान-मंडलों की अवधि
173. राज्य के विधान-मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता
174. राज्य के विधान के सत्र सत्रावसान और विघटन
175. सदन या सदनलों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
176. राज्यपाल का विशेष अभिभाषण सत्रावसान और विघटन
177. सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
राज्य के विधान-मंडल के अधिकारी
178. विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
179. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
180. अध्यक्ष के पद के कत्र्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
181. जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
182. विधान परिषद् का सभापति और उपसभापति
183. सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
184. सभापति के पद के कत्र्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उपसभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
185. जब सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
186. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
187. राज्य के विधान-मंडल का सचिवालय
कार्य संचालन
188. सदस्यों द्वारा शपथ का प्रतिज्ञान
189. सदनों में मतदान, रिक्तियोें के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्यों की निरर्हताएं
190. स्थानों का रिक्त होना
191. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
192. सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रनों पर विनिश्चय
193. अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
राज्यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां
194. विधान-मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिका, आदि
195. सदस्यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
196. विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
197. धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद् की शक्तियों पर निर्बंधन
198. धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
199. ‘‘धन विधेयक’’ की परिभाषा
200. विधेयकों पर अनुमति
201. विचार के लिए आरक्षित विधेयक
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
202. वार्षिक वित्तीय विवरण
203. विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
204. विनियोग विधेयक
205. अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
206. लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
207. वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
208. प्रक्रिया के नियम
209. राज्य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
210. विधान-मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
211. विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बधन
212. न्यायालयों द्वारा विधान-मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय 4-राज्यपाल की विधायी शक्ति
213. विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति
अध्याय 5-राज्यों के उच्च न्यायालय
214. राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
215. उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
216. उच्च न्यायालयों का गठन
217. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
218. उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों को लागू होना
219. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
220. स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि-व्यवसाय पर निर्बंधन
221. न्यायाधीशों के वेतन आदि
222. किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
223. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
224. अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
224क. उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
225. विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
226. कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
ख्226क. अनुच्छेद 226 के अधीन कार्यवाहियों में केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता पर विचार न किया जाना – लोप किया गया।,
227. सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
228. कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
ख्228क. राज्य विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के निपटारे के बारे में विशेष उपबंध – लोप किया गया।,
229. उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
230. उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार
231. दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
ख्231. अनुच्छेद 230, अनुच्छेद 231 और अनुच्छेद 232 के स्थान पर अनुच्छेद 230 और अनुच्छेद 231 प्रतिस्थापित।,
अध्याय 6-अधीनस्थ न्यायालय
233. जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
233क. कुछ ज़िला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
234. न्यायिक सेवा मंे जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
235. अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
236. निर्वचन
237. कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेट पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना
भाग 7
पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य
ख्238. लोप किया गय।,
भाग 8
संघ राज्यक्षेत्र
239. संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन
239क. कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान-मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सृजन
239कक. दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
239कख. सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
239ख. विधान-मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति
240. कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
241. संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय
ख्242. कोडगू – लोप किया गया।,
भाग 9 – पंचायत
243. परिभाषाएं
243क. ग्राम सभा
243ख. पंचायतों का गठन
243ग. पंचायतों की संरचना
243घ. स्थानों का आरक्षण
243ङ. पंचायतों की अवधि, आदि
243च. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
243छ. पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
243ज. पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां
243झ. वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
243ञ. पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
243ट. पंचायतों के लिए निर्वाचन
243ठ. संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना
243ड. इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
243ढ. विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
243ण. निर्वाचन संबंधी मामालों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग 9क – नगरपालिकाएं
243त. परिभाषाएं
243थ. नगरपालिकाओं का गठन
243द. नगरपालिकाओं की संरचना
243ध. वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
243न. स्थानों का आरक्षण
243प. नगरपालिकाओं की अवधि, आदि
243फ. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
243ब. नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
243भ. नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां
243म. वित्त आयोग
243य. नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
243यक. नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन
243यख. संघ राज्यक्षेत्रों को लागू न होना
243यग. इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
243यघ. जिला योजना के लिए समिति
243यङ. महानगर योजना के लिए समिति
243यच. विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
243यछ. निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग 9ख – सहकारी सोसाइटियां
243यज परिभाषाएं
243यझ. सहकारी सोसाइटियों का निगमन
243यञ. बोर्ड के सदस्यों और उसके पदाधिकारियों की संख्या और पदावधि
243यड. सहकारी सोसाइटियों के लेखाओं की संपरीक्षा
243यढ. साधारण निकाय की बैठक संयोजित करना
243यण. सूचना प्राप्त करने का सदस्य का अधिकार
243यत. विवरणियां
243यथ. अपराध और शास्तियां
243यद. बहुराज्य सहकारी सोसाइटियों को लागू होना
243यध. संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना
243यन. विद्यमान विधियों का जारी रहना
भाग 10- अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र
244. अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
244क. असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद् का या दोनों का सृजन
भाग 11
संघ और राज्यों के बीच संबंध
अध्याय 1-विधायी संबंध
विधायी शक्तियों का वितरण
245. संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गइ विधियों का विस्तार
246. संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु
246क. माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध
247. कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति
248. अवशिष्ट विधायी शक्तियां
249. राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति
250. यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति
251. संसद् द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
252. दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना
253. अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
254. संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
255. सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना
अध्याय 2-प्रशासनिक संबंध
साधारण
256. राज्यों की और संघ की बाध्यता
257. कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
ख्257क. संघ के सशस्त्र बलों या अन्य बलों के अभिनियोजन द्वारा राज्यों की सहायता – लोप किया गया।,
258. कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति।
258क. संघ को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति
ख्259. पहली अनुसूची के भाग ख के राज्यों के सशस्त्र बल – लोप किया गया।,
260. भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता
261. सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां
जल संबंधी विवाद
262. अंतर्राज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन
राज्यों के बीच समन्वय
263. अंतर-राज्य परिषद् के संबंध में उपबंध
भाग 12
वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद
अध्याय 1-वित्त
साधारण
264. निर्वचन
265. विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
266. भारत और राज्यों की संचित निधियां और लोक लेखे
267. आकस्मिकता निधि
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण
268. संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले किंतु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जानें वाले शुल्क
ख्268क. संघ द्वारा उदगृहीत किए जाने वाला और संघ तथा राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाला सेवा-कर – लोप किया गया,
269. संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत किंतु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर
269क. अन्तर्राज्यिक व्यापार या वाणिजय के अनुक्रम में माल और सेवा कर का उद्ग्रहण और संग्रहण
270. उद्गृहीत कर उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण
271. कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार
ख्272. कर जो संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत किए जाते हैं तथा जो संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जा सकेंगे – लोप किया गया।,
273. जूट पर और जूट उत्पादों पर निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान
274. ऐसे उकराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
275. कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
276. वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर
277. व्यावृत्ति
ख्278. कुछ वित्तीय विषयों के संबंध में पहली अनुसूची के भाग ख के राज्यों से करार – लोप किया गया।,
279. ‘‘शुद्ध आगम’’ आदि की गणना
279क. माल और सेवा कर परिषद्
280. वित्त आयोग
281. वित्त आयोग की सिफारिशें
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध
282. संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किए जाने वाले व्यय
283. संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि
284. लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा
285. संघ की संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट
286. माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन
287. विद्युत पर करों से छूट
288. जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट
289. राज्यों की संपत्ति और आय कासे संघ के कराधान से छूट
290. कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन
290क. कुछ देवस्वम् निधियों को वार्षिक संदाय
ख्291. शासकों की निजी थैली की राशि – लोप किया गया।,
अध्याय 2-उधार लेना
292. भारत सरकार द्वारा उधार लेना
293. राज्यों द्वारा उधार लेना
अध्याय 3-संपत्ति, संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद
294. कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
295. अन्य दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार
296. राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोद्भूत संपत्ति
297. राज्यक्षेत्रीय सागर-खंड या महाद्विपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र के संपत्ति स्रोतों का संघ मंें निहित होना
298. व्यापार करने आदि की शक्ति
299. संविदाएं
300. वाद और कार्यवाहियां
अध्याय 4-संपत्ति का अधिकार
300क. विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना
भाग 13
भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम
301. व्यापार वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
302. व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बधन अधिरोपित करने की संसद् की शक्ति
303. व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन
304. राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन
305. विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
ख्306. पहली अनुसूची के भाग ख के कुछ राज्यों की व्यापार और वाणिज्य पर निर्बंधनों के अधिरोपण की शक्ति – लोप किया गया।,
307. अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति
भाग 14
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
अध्याय 1-सेवाएं
308. निर्वचन
309. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें
310. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि
311. संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना
312. अखिल भारतीय सेवाएं
312क. कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्ताें में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसंद् की शक्ति
313. संक्रमणकालीन उपबंध
ख्314. कुछ सेवाओं के विद्यमान अधिकारियों के संरक्षण के लिए उपबंध – लोप किया गया।,
अध्याय 2-लोक सेवा आयोग
315. संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
316. सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
317. लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
318. आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
319. आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध
320. लोक सेवा आयोगों के कृत्य
321. लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
322. लोक सेवा आयोगों के व्यय
323. लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
भाग 14क
अधिकरण
323क. प्रशासनिक अधिकरण
323ख. अन्य विषयों के लिए अधिकरण
भाग 15
निर्वाचन
324. निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
325. धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक- नामाकवली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना
326. लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना
327. विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति
328. किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान-मंडल की शक्ति
329. निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
ख्329क. प्रधान मंत्री और अध्यक्ष मामले में संसद् के लिए निर्वाचनों के बारे में विशेष उपबंध – लोप किया गया।,
भाग 16
कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
330. लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
331. लोक सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
332. राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
333. राज्यों की विधान सभाओं मंे आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
334. स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का सत्तर वर्ष के पश्चात् न रहना
335. सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे
336. कुछ सेवाओं में आंग्ल-भारतीय सामुदाय के लिए विशेष उपबंध
337. आंग्ल-भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध
338. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
338क. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
338ख. पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग
339. अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण
340. पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
341. अनुसूचित जातियां
342. अनुसूचित जनजातियां
342क. सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग
भाग 17
राजभाषा
अध्याय 1-संघ की भाषा
343. संघ की राजभाषा
344. राजभाषा के संबंध में आयोग और संसंद् की समिति
अध्याय 2-प्रादेशिक भाषाएं
345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
347. किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध
अध्याय 3- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
348. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा
349. भाषा सं संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
अध्याय 3- विशेष निदेश
350. व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
350क. प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाए
350ख. भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए विशेष अधिकार
351. हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश
भाग 18 – आपात उपबंध
352. आपात की उद्घोषणा
353. आपात की उद्घोषणा का प्रभाव
354. जब आपात की उद्घोषणा प्रावर्तन तमें है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना
355. बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
356. राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
357. अनुच्छेद 35़6 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग
358. आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन
359. आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलंबन
ख्359क. इस भाग का पंजाब राज्य को लागू – लोप किया गया।,
360. वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
भाग 19 – प्रकीर्ण
361. राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण
361क. संसद् और राज्यों के विधान-मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण
361ख. लाभप्रद राजनीति पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता
ख्362. देशी राज्यों के शासकों के अधिकार और विशेषाधिकार – लोप किया गया।,
363. कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
363क. देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थैलियों का अंत
364. महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध
365. संघ द्वारा किए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्र्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
366. परिभाषाए
367. निर्वचन
भाग 20 – संविधान का संशोधन
368. संविधान का संशोधन करने की संसद् की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया
भाग 21
अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध
369. राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों
370. जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध
371. महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध
371क. नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371ख. असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371ग. मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371घ. आंध्र प्रदेश राज्य या तेलंगाना राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371ङ. आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
371च. सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371छ. मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371ज. अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371झ. गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
371ञ. कर्नाटक राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
372. विद्यमान विधियों का प्रवष्त्त बने रहना और उनका अनुकूलन
372क. विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति शक्ति
373. निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति
374. फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद् हिज मजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध
375. संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना
376. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध
377. भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध
378. लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध
378क. आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध
ख्379. अन्तर्कालीन संसद् तथा उसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्380. राष्ट्रपति के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्381. राष्ट्रपति की मंत्रि-परिषद् – लोप किया गया।,
ख्382. पहली अनुसूची के भाग क में के राज्यों के अन्तर्कालीन विधान-मंडलों के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्383. प्रान्तों के राज्यपालों के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्384. राज्यपालों की मंत्रि-परिषद् – लोप किया गया।,
ख्385. पहली अनुसूची के भाग ख में के राज्यों के अन्तर्कालीन विधान-मंडलों के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्386. पहली अनुसूची के भाग ख में के राज्यों की मंत्रि-परिषद् – लोप किया गया।,
387. कुछ निर्वाचनों के परियोजनों के लिए जनसंख्या के निर्धारण के बारे में विशेष उपबंध – लोप किया गया।,
ख्388. अन्तर्कालीन संसद् तथा राज्यों के अन्तर्कालीन विधान-मंडलों में आकस्मिक रिक्तियों के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्389. डोमीनियन विधान-मंडल तथा प्रान्तों और देशी राज्यों के विधान-मंडलों में लंबित विधेयकों के बारे में उपबंध – लोप किया गया।,
ख्390. इस संविधान के प्रारंभ और 1950 के 31 मार्च के बीच प्राप्त या उत्थापत या व्यय किया हुआ धन – लोप किया गया।,
ख्391. कुछ आकस्मिकताओं में पहली और चैथी अनुसूची का संशोधन करने की राष्ट्रपति की शक्ति – लोप किया गया,
392. कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति
भाग 22 – संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
393. संक्षिप्त नाम
394. प्रारंभ
394क. हिंदी भाषा में प्राधिकृत पाठ
395. निरसन
अनुसूचियां
पहली अनुसूची
1. राज्य
2. संघ राज्यक्षेत्र
दूसरी अनुसूची
भाग क – राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों के बारे में उपबंध
भाग ख – ख्लोप किया गया।,
भाग ग – लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तथा राज्य सभा के सभापति और उपसभापति के तथा राजय के विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तथा विधान परिषद् के सभापति और उपसभा के बारे में उपबंध
भाग घ – उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध
भाग ङ – भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध
तीसरी अनुसूची-शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूप
चैथी अनुसूची-राजय सभा में स्थानों का आबंटन
पांचवी अनुसूची-अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के में उपबंध
भाग क – साधारण
भाग ख – अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों का प्रशासन और नियंत्रण
भाग ग – अनुसूचित क्षेत्र
भाग घ – अनुसूचित का संशोधन
छठी अनुसूची- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध
सातवीं अनुसूची-
सूची 1 – संघ सूची
सूची 2 – राज्य सूची
सूची 3 – समवर्ती सूची
आठवीं अनुसूची – भाषाएं
नवीं अनुसूची- कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
दसवीं अनुसूची – दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता के बारे में उपबंध
ग्यारहवीं अनुसूची- पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
बारहवीं अनुसूची- नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
परिशिष्ट
परिशिष्ट 1 – संविधान (एक सौवा संशोधन) अधिनियम, 2015
परिशिष्ट 2 – संविधान (जम्मू-कश्मीर को लागू होना) आदेश, 2019
परिशिष्ट 3 – संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अधीन घोषणा
‘‘भारत और बांग्लादेश सरकारों के बीच अर्जित और अन्तरित राज्यक्षेत्रों के ब्यौरों को अन्तर्विष्ट करने वाले संविधान (एक सौवां संशोधन) अधिनियम, 2015 का परिशिष्ट 1 में उपबंध किया गया है।
संविधान (जम्मू-कश्मीर को लागू होना) आदेश, 2019 तथा संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अधीन घोषणा का क्रमशः परिशिष्ट 2 और परिशिष्ट 3 में संदर्भ के लिए उपबंध किया गया है।’’ (डाॅ. रीटा वशिष्ट, सचिव, भारत सरकार, ‘भारतीय संविधान (26 नवंबर, 2021 को यथाविद्यमान से) जनहित में