जाग उठी नारी शक्ति
जग का उद्धार
तुम्हारे लिए।
देश हित जान नारी
भरती है उड़ान
तुम्हारे लिए।
संकल्पों को सिद्ध करती
चट्टानों को चीरती
तुम्हारे लिए।
अंबा, दुर्गा, काली, चंडी
सबकी है प्रतिपाली
तुम्हारे लिए।
अंतरिक्ष में पहुंची नारी
विश्व में पहचान
तुम्हारे लिए।
नारी तुम नारायणी, कामायनी
किया है चमत्कार
तुम्हारे लिए।
नारी शक्ति शौर्य बल
हिम्मत, साहस, कर्त्तव्य
तुम्हारे लिए।
नारी तू ही अन्नपूर्णा
करती बेड़ा पार
तुम्हारे लिए।
कनक पारख
विशाखापट्टनम