मतदान है अनिवार्य-सत्येन्द्र शर्मा ‘तरंग’,

 

लोकतन्त्र का यही नारा,
मतदान करे उजियारा,
तुम्हारे लिए।

हे! भारत के मतदाता,
मतदान लोकतंत्र लाता,
तुम्हारे लिए।

मतदान करें नर-नार
लोकतन्त्र की जयकार,
तुम्हारे लिए।

आयु हुई अट्ठारह वर्ष,
मतदान का हर्ष,
तुम्हारे लिए।

छोड़कर अपने सब कार्य,
मतदान है अनिवार्य,
तुम्हारे लिए।

भारत का पावन लोकतंत्र,
विकास का मन्त्र,
तुम्हारे लिए।

हर भारतवासी का गर्व,
मतदान लोकतंत्र-पर्व,
तुम्हारे लिए।

मतदान करेगा देश सशक्त,
आया चुनावी वक्त,
तुम्हारे लिए।

मतदान लाता शक्ति को,
स्वतन्त्र अभिव्यक्ति को,
तुम्हारे लिए।

जागरूक होकर करें मतदान,
जीवन होगा आसान,
तुम्हारे लिए।

वोट दो होकर निर्भय,
मतदान है कर्तव्य,
तुम्हारे लिए।

मतदान दिवस है विशेष,
सबसे पहले देश,
तुम्हारे लिए।

मतदान से मुँह मोड़ा,
गुलामी का हथौड़ा,
तुम्हारे लिए।

यदि दिया नहीं वोट,
घातक होगी चोट,
तुम्हारे लिए।

मतदान से स्वत्व मिलता,
सुख-सौरभ खिलता,
तुम्हारे लिए।

मिले ना कभी परतन्त्रता,
मतदान लाता स्वतन्त्रता,
तुम्हारे लिए।

नहीं कोई भारतीय विवश,
है मतदान-दिवस,
तुम्हारे लिए।

चुनोगे जब अपनी सरकार,
लोकतंत्र आएगा द्वार,
तुम्हारे लिए।

लोकतन्त्र का नहीं विकल्प,
मतदान हो संकल्प,
तुम्हारे लिए।

लोकतन्त्र का यह सार,
मतदान है अधिकार,
तुम्हारे लिए।

हमारे प्यारे भारत महान!
हम करेंगे मतदान,
तुम्हारे लिए।

देहरादून।

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