शोध लेख
लोक में गांधी के गीतों को गाती ‘चंदन तिवारी’
- editor
- October 8, 2023
एक बार किसी ने महात्मा गांधी से पूछा कि क्या आपको संगीत से कोई लगाव नहीं है? गांधीजी ने उत्तर दिया कि यदि मुझमें संगीत न होता तो मैं अपने काम के इस भारी बोझ से मर गया होता। ज्यादातर लोगों की यह धारणा रही है कि महात्मा गांधी संगीत जैसी सभी कलाओं के खिलाफ […]
Read Moreस्वतंत्रा संग्राम और गांधी की पत्रकारिता
- editor
- October 8, 2023
संदीप कुमार शर्मा (स.अ.) महात्मा गांधी जी की पत्रकारिता उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जो उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ अपने दृढ़ नैतिक और सामाजि एसक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी उपयोग की। उनकी पत्रकारिता के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है- सत्याग्रह – गांधी जी […]
Read Moreमहात्मा गांधी की जनसंचार पद्धति : एक प्रकाश स्तंभ
- editor
- October 8, 2023
कुमार कृष्णन महात्मा गांधीजी एक राष्ट्रीय नेता और समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक महान संचारक भी थे। एक से अधिक, उन्होंने माना कि राय बनाने और लोकप्रिय समर्थन जुटाने के लिए संचार सबसे प्रभावी उपकरण है। गांधीजी सफल रहे क्योंकि उनके पास संचार में एक गुप्त कौशल था जो दक्षिण अफ्रीका में सामने आया […]
Read Moreस्वतंत्रता संग्राम 1857 में जनपद बागपत के तीन क्रांतिवीर
- editor
- September 2, 2023
मोहित त्यागी शोधार्थी सचलभाष- 9917231947 सारांश भारतवर्ष के इतिहास में भी इसी प्रकार की एक महान घटना का आरंभ 10 मई 1857 को मेरठ की पावन भूमि पर हुआ है। जिसे भारतीय इतिहास में अंग्रेजों के विरूद्ध भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम माना गया है। उस दौर में जब संचार के सीमित साधन थे। न […]
Read Moreदेश और मीडिया एक विवेचन बदले हालात की पत्रकारिता
- editor
- August 26, 2023
डाॅ. श्रीगोपाल नारसन बदले हालात में और इतिहास बनती हिंदी पत्रकारिता को बचाने के लिए विचार करना होगा कि सुबह का अखबार कैसा हो? समाचार चैनलों पर क्या परोसा जाए? क्या नकारात्मक समाचारों से परहेज कर सकारात्मक समाचारों की पत्रकारिता संभव है? क्या धार्मिक समाचारों को समाचार पत्रों में स्थान देकर पाठको को धर्मावलम्बी […]
Read Moreसोशल मीडिया का बदलता चरित्र
- editor
- August 25, 2023
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा इधर कुछ समय से कई अत्यंत संवेदनशील विषयों के संदर्भ में अपनी विवादास्पद भूमिका के कारण मीडिया (मुद्रित और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता) प्रश्नों के घेरे में है। इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है कि मीडिया को अधिक संवेदनशील, अधिक प्रामाणिक, अधिक विश्वसनीय और अधिक मानवीय बनना चाहिए। जबकि वह दिनोंदिन […]
Read More‘त्रैमासिक निःशुल्क पत्रकारिता कोर्स’
- editor
- August 2, 2023
पत्रकारिता उतनी सरल भी नहीं है जितनी कि लोग समझ लेते हैं। पत्रकारिता की अपनी सीमाएं, पीड़ाएं, चिंताएं और सरोकार होते हैं। पत्रकारिता और उसके हितों के प्रति भारतीय संविधान और सरकार लगभग मौन ही हैं। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कहकर लाॅलीपाॅप ही थमाया जाता है। पत्रकारिता को सभी राजनीतिक पार्टियां अपने लिए […]
Read Moreपूरी दुनिया में है बिहार योग पद्धति की व्यापकता
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- June 19, 2023
कुमार कृष्णन 21 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला योग दिवस एक अद्भुत वैश्विक घटनाक्रम है, भारत की प्राचीनतम विद्या शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक सद्भाव बढ़ाने में कारगर है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 का थीम वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत के साथ वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखा गया है। योग को […]
Read Moreखत्म होते ग्लेशियर का संकट
- editor
- June 19, 2023
अरविंद जयतिलक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘साइंस’ का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सदी के अंत तक दो तिहाई ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे। पत्रिका से जुड़े अध्ययकर्ताओं का मानना है कि दुनिया के 83 प्रतिशत ग्लेशियर साल 2100 के अंत तक विलुप्त हो सकते हैं। उनका यह आंकलन 2,15,000 जमीन आधारित ग्लेशियर पर आधारित […]
Read Moreपं. पद्मसिंह शर्मा और ‘भारतोदय’
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- April 1, 2023
अमन कुमार ‘त्यागी’ पं. पद्मसिंह शर्मा का जन्म सन् 1873 ई. दिन रविवार फाल्गुन सुदी 12 संवत् 1933 वि. को चांदपुर स्याऊ रेलवे स्टेशन से चार कोस उत्तर की ओर नायक नंगला नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। इनके पिता श्री उमराव सिंह गाँव के मुखिया, प्रतिष्ठित, परोपकारी एवं प्रभावशाली व्यक्ति थे। […]
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