साहित्य

फायकू साहित्य

अर्चना राज के 100 फायकू

  1 ज़िंदगी की शाम है स्याह रातें भी तुम्हारे लिये। 2 कोई पनघट का किनारा अब तलक प्यासा तुम्हारे लिये। 3 बाजरे की शक्ल में कैद हैं मोती तुम्हारे लिये। 4 जिस्म से बेज़ार हूं इश्क हूं जीती तुम्हारे लिये। 5 मुस्कुराहटें बेहिसाब हैं यहां हौसले भी बहुत तुम्हारे लिये। 6 आईना कमज़र्फ़ है […]

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फायकू साहित्य

अविनाश वाचस्पति के 100 फायकू

  1 फेसबुक पर प्रेम मायने प्रेमनामधारी मित्र मेरे तुम्हारे लिये। 2 जागो फेसबुक के दीवानों मुर्गा बोला है तुम्हारे लिये। 3 लिखना पढ़ना सुनना सुनाना सब लगता भला तुम्हारे लिये। 4 हथिनी पे बिठा के बवालमार्ट लाया हूं तुम्हारे लिये। 5 नींद लुटी सोना लूटा हिसाब बराबर किया तुम्हारे लिये। 6 वे जागे हमारे […]

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फायकू साहित्य

एशियाई खेल और डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ के फायकू

1 झांगझाऊं एशियाई खेल में शानदार प्रदर्शन, बधाई तुम्हारे लिये। 2 एक सौ सात पदक जीतकर भारतीय टीम आई तुम्हारे लिये। 3 अट्ठाईस स्वर्ण, अड़तीस रजत पदक खिलाड़ी लाए तुम्हारे लिये। 4 जीतकर इकतालीस कांस्य पदक भारतीय खिलाड़ी आए तुम्हारे लिये। 5 मेहुल घोष, आशी रमिता निशानेबाजी रजत जीता तुम्हारे लिये। 6 अर्जुन लाल अरविंद […]

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साहित्य

प्रेमचंद सम्मान-2023, राज गोपाल सिंह वर्मा को “रंगलीला”

आगरा की प्रमुख सांस्कृतिक- साहित्यिक संस्था रंगलीला की ओर से मुझे और केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के भूतपूर्व निदेशक प्रो रामवीर सिंह को प्रेमचंद सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कोलकाता विश्वविद्यालय के सेवनिवृत्त प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुधा सिंह, आगरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रियम अंकित ने आज के […]

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व्यक्तित्व

जॉन फॉसे : अनकही को कह दिया जिसने!

  वयोवृद्ध लेखक सलमान रुश्दी के चाहने वालों को भले ही हताशा हुई हो, लेकिन नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे (1959) को साहित्य में 2023 का नोबेल पुरस्कार दिया जाना स्वागत योग्य और प्रशंसनीय है। बताया जा रहा है कि फॉसे गद्य और नाटक दोनों में माहिर हैं, और उनके काम की विशेषता इसकी काव्यात्मक भाषा, […]

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व्यक्तित्व

पं. दीनदयाल उपाध्याय: व्यक्तित्व एवं कृतित्व

महान चिन्तक, कर्मयोगी, मनीषी एवं राष्ट्रवादी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भारत के राजनीतिक क्षितिज पर उदय एक महत्वपूर्ण घटना थी। वह देश के गौरवशील अतीत से भविष्य को जोड़ने वाले शिल्पी थे। उन्होंने प्राचीन भारतीय जीवन-दर्शन के आधार पर सामयिक व्यवस्थाओं के संबन्ध में मौलिक चिन्तन करके उन्हें दार्शनिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण व्यावहारिक व्याख्यायें दीं। […]

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कविता

गांधी जयंती के अवसर पर

  बाल-कविता महात्मा का स्मरण भारत माता ने महानतम पुत्र अनेक जने हैं। ‘बापू’ पद के अधिकारी बस मोहनदास बने हैं।। हम सब उनको आज महात्मा गांधी कहते हैं। भारत के जन गण के मन में सचमुच रहते हैं।। वे अपने जीवन में सबको प्रेम सिखाते थे। सत्य, अहिंसा में निष्ठा का मार्ग दिखाते थे।। […]

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पुस्तक समीक्षा

तेलंगाना प्रदेश एवं हिंदी की स्थिति

इस पुस्तक के उपोदघात में लेखिका अपने अर्धशतकीय हिंदी यात्रा के अनुभव का परिचय देते हुए कहती हैं- ‘दक्षिण में द्रविड़ संस्कृति एवं तेलंगाना की मूल भाषा तेलुगु के साथ हैदराबाद शहर में रहने वाले लोग उर्दू एवं दक्षिणी हिंदी की जानकारी स्वयंमेव प्राप्त कर लेते हैं।’ (पृ. ‘उपोदघात’) ‘तेलंगाना का निर्माण एवं इसकी संस्कृति’ […]

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व्यक्तित्व

विश्व शांति के लिए गांधी ही विकल्प… पर गांधी विरासत बचाना भी जरूरी

  प्रो. कन्हैया त्रिपाठी गांधी जी के संदर्भ में अलबर्ट आइंस्टीन का वह कथन अब प्रायः लोग स्मरण करते हैं जो उन्होंने 20वीं शताब्दी के मध्य में कही थी कि- दुनिया एक दिन आश्चर्य करेगी कि गांधी जैसा कोई हाड़ मांस का पुतला इस धरती पर कभी चला होगा। जीवन कृपा पर नहीं जी सकते […]

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व्यक्तित्व

मैं गांधी बोल रहा हूँ….

  डाॅ. जी. नीरजा अहिंसा प्रचंड शस्त्र है। इसमें परम पुरुषार्थ है। यह भीरु से दूर-दूर भागती है, वीर पुरुष की शोभा है, उसका सर्वस्व है! यह शुष्क, नीरस, जड़ पदार्थ नहीं है, यह चेतनमय है। यह आत्मा का विशेष गुण है। आप मानो या न मानो, मैंने इसका वर्णन परम धर्म के रूप में […]

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