Month: July 2023
मुझे फोन कर देना
- editor
- July 29, 2023
प्रवासी पंजाबी कहानी मूल – रविंदर सिंह सोढी अनु – प्रो. नव संगीत सिंह शिफाली ने मोबाइल का अलार्म बंद कर दिया। शनिवार का का दिन था, इसीलिए वह देरी से उठी। कोरोना के कारण जब से उसने घर से आॅफिस का काम करना शुरू किया था, तब से वह सुबह देर से ही […]
Read Moreसतयुग आ गया
- editor
- July 29, 2023
डाॅ. दलजीत कौर कल पड़ोसी प्रेमचंद जी ने बताया -सतयुग आ गया। जिस सतयुग की तलाश महापुरुषों को थी। जिस के लिए संत तपस्या कर रहे थे। जिसका वर्णन केवल धर्म-ग्रंथों में था। वह आ गया। आकाश साफ, नदियाँ नीली, जल, वायु, पृथ्वी प्रदूषण रहित हो गए। चिड़ियाँ लौट आईं हैं। जीव-जंतु खुशी से […]
Read Moreजौ अनाज भर जमीन और होती तो आज बिहार में होती काशी
- editor
- July 24, 2023
भागलपुर जिला (बिहार) के कहलगांव अनुमंडल में विक्रमशिला बौद्ध महाविहार के निकट गंगातट पर स्थित बटेश्वर स्थान की प्रसिद्धि न सिर्फ अंगदेश बल्कि बिहार के एक महत्वपूर्ण शैवस्थल के रूप में रही है। यहाँ बटेश्वर पहाड़ी पर शिवस्वरूप बाबा बटेश्वर का मंदिर स्थित है जिनके प्रति लोगों की अगाध आस्था है। हमने पाया है कि […]
Read Moreजान बची तो लाखों पाएं
- editor
- July 13, 2023
निमिषा सिंह हमारा देश वैसे तो हर क्षेत्र में विकास के पथ पर अग्रसर है लेकिन फिर भी स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से ही देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिसका प्रमुख कारण है जनसंख्या में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि। परिणाम धरती पर अत्यधिक दबाव, बेरोजगारी, अन्न की कमी ,संसाधनों की कमी और […]
Read Moreहल्का होने का अहसास : मिलान कुंदेरा
- editor
- July 13, 2023
श्रद्धांजलि लेख प्रो. गोपाल शर्मा “और जल्दी ही युवती सिसकी लेने के बजाय ज़ोर–ज़ोर से रोने लगी और वह यह करुणाजनक पुनरुक्ति दोहराती चली गई, ”मैं मैं हूँ, मैं मैं हूँ, मैं मैं हूँ ….” आज जब अचानक मिलान कुंदेरा के निधन का समाचार सुना तो उनकी एक कहानी के अनुवाद की ये अंतिम पंक्तियाँ याद […]
Read Moreसिसक रही सदी लिखो कवि/आदित्य आजमी
- editor
- July 12, 2023
ग़ज़ल सिसक रही सदी लिखो कवि, सूख रही है नदी लिखो कवि! नेकी का तो पतन हो रहा है, बढ़ रही है बदी लिखो कवि! किसी दिन घर को गिरा देगी, ये बुनियादी नमी लिखो कवि! मंगल पर जाने की तैयारी है, कम पड़ती जमीं लिखो कवि! आधुनिकता के इस काल मे, गुम […]
Read Moreवैश्विक आतंकवाद पर आभासी चोट!
- editor
- July 6, 2023
ऋषभदेव शर्मा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आभासी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुचित ज़ोर देकर वैश्विक आतंकवाद का मुद्दा उठाया। इसके महत्व और प्रासंगिकता से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन यह भी उतना ही सच है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह और चीन पाकिस्तान का सरपरस्त […]
Read Moreमहान थे स्वामी विवेकानंद
- editor
- July 6, 2023
निर्वाण दिवस पर शत्-शत् नमन कुमार कृष्णन स्वामी विवेकानंद के विचार और साधना में योग विद्या का बहुआयामी समन्वय है। ज्ञान, कर्म और भक्ति की त्रिवेणी उनके व्यक्तित्व से अविरल प्रवाहित होती है और राजयोग की पराकाष्ठा उनके जीवन को सूर्य की भांति दीप्तिमान बनाती है। विवेकानंद की मान्यता में ‘अहं ब्रह्मास्मि’ की मौलिक धारणा […]
Read Moreविनोबा, राजेंद्र प्रसाद एवं शास्त्री जी की ईमानदारी पर उठ रहे सवाल: कहां तक जायज?
- editor
- July 2, 2023
निमिषा सिंह चंद दिनों पहले गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली में वरिष्ठ गांधीवादी राजगोपाल जी द्वारा कहा गया एक वक्तव्य आज यथार्थ होता दिख रहा है “मौजूदा समय में सामाजिक काम करने वाले लोगों को देशद्रोही घोषित किया जा रहा है। हम सब अपनी जगह ढूंढ रहे हैं कि काम कैसे होगा? उसको तलाशने […]
Read Moreमानवीय समानता की संभावनाओं का उपहास उड़ाता यथार्थ
- editor
- July 1, 2023
निमिषा सिंह बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर कहते थे “औरत किसी भी जाति की हो अपनी जाति में उसकी वही स्थिति होती है जो एक दलित औरत की समाज में”। मौजूदा समय में जहां गैर दलित स्त्रियां अपने अधिकारों के लिए पितृ सत्तात्मक समाज से लड़ रही हैं। आज भी दोयम दर्जे का जीवन जी रही […]
Read More