Day: October 15, 2023

फायकू साहित्य

दो शब्द फायकू के लिए

  अमन कुमार ‘त्यागी’ फायकू का प्रयोग ऐतिहासिक रूप से, उपनाम के लिए अथवा लोगों को समूहों में क्रमबद्ध करने के एक तरीके के रूप में विकसित हुआ है। व्यवसाय, मूल स्थान, कबीले संबद्धता, संरक्षण, माता-पिता, गोद लेने और यहां तक कि शारीरिक विशेषताओं के आधार पर भी फायकू लोगों की पहचान की जा सकती […]

Read More
फायकू साहित्य

डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ के 100 फायकू

  1 ख़ुद बनाएं हैं हमने ये चाय पकौड़े, तुम्हारे लिये। 2 एक मिलन आस में सब काम छोड़ें तुम्हारे लिये। 3 साथ मिल जाए बस संग संग दौड़े तुम्हारे लिये। 4 थक गये मित्र तुम, तो मंगवाएं घोड़े तुम्हारे लिये। 5 अपनी भरपूर है व्यस्तता क्षण हैं थोड़े तुम्हारे लिये। 6 गुनगुनाओ मेरे संग […]

Read More
फायकू साहित्य

सविता मिश्रा के 100 फायकू

  1 कंप्यूटर कीबोर्ड बनते रहो स्कीम आई कई तुम्हारे लिये। 2 तुम भले भूले हमको हम जीते रहे तुम्हारे लिये। 3 तुमको ख़्वाबों में देखते बातें भी करते तुम्हारे लिये। 4 मत समझना पागल है याद में तेरी तुम्हारे लिये। 5 यदि मुस्करा रहे हैं हर मुस्कराहट नहीं तुम्हारे लिये। 6 नज़र नज़र का […]

Read More
फायकू साहित्य

अमन कुमार त्यागी के 100 फायकू

  1. गुनाहों की हर तरक़ीब मुझे आज़माने दो तुम्हारे लिये। 2. जमाने भर की दुआ तुम्हें देता हूं तुम्हारे लिये। 3. सच सबके सामने बोला और पिट गया तुम्हारे लिये। 4. रात दिन, दिन रात करता रहा काम तुम्हारे लिये। 5. यहां, वहां, जहां, तहां ख़ुद को ढूंढा तुम्हारे लिये। 6. तुम आओ ना […]

Read More
फायकू साहित्य

रश्मि अभय के 100 फायकू

  1 ज़िंदगी की सारी तमन्नाएं मेरी हर आरज़ू तुम्हारे लिये। 2 मेरा ये रूप शृंगार मेरा सजना संवरना तुम्हारे लिये। 3 ग़म से ना घबराना खुशियां मेरी सारी तुम्हारे लिये। 4 तुम मेरी पूरी क़िताब मैं एक पन्ना तुम्हारे लिये। 5 ज़िंदगी का रास्ता तुम मैं एक राही तुम्हारे लिये। 6 भूल जाओगे गर […]

Read More
फायकू साहित्य

आशा पाण्डे ओझा ‘आशा’ के 100 फायकू

  1 जो तुम आवाज़ दो दौड़ी चली आऊं तुम्हारे लिये। 2 जलती हुई सुबह बुझाऊं सांझ को मनाऊं तुम्हारे लिये। 3 आज भी जल रहा दिया इन्तज़ार का तुम्हारे लिये। 4 तुम हो ज़िंदगी मेरी हम क्या हैं तुम्हारे लिये। 5 गुज़ारी तमाम ज़िंदगी मैंने तुम बिन भी तुम्हारे लिये। 6 उम्र भर की […]

Read More
फायकू साहित्य

अर्चना राज के 100 फायकू

  1 ज़िंदगी की शाम है स्याह रातें भी तुम्हारे लिये। 2 कोई पनघट का किनारा अब तलक प्यासा तुम्हारे लिये। 3 बाजरे की शक्ल में कैद हैं मोती तुम्हारे लिये। 4 जिस्म से बेज़ार हूं इश्क हूं जीती तुम्हारे लिये। 5 मुस्कुराहटें बेहिसाब हैं यहां हौसले भी बहुत तुम्हारे लिये। 6 आईना कमज़र्फ़ है […]

Read More
फायकू साहित्य

अविनाश वाचस्पति के 100 फायकू

  1 फेसबुक पर प्रेम मायने प्रेमनामधारी मित्र मेरे तुम्हारे लिये। 2 जागो फेसबुक के दीवानों मुर्गा बोला है तुम्हारे लिये। 3 लिखना पढ़ना सुनना सुनाना सब लगता भला तुम्हारे लिये। 4 हथिनी पे बिठा के बवालमार्ट लाया हूं तुम्हारे लिये। 5 नींद लुटी सोना लूटा हिसाब बराबर किया तुम्हारे लिये। 6 वे जागे हमारे […]

Read More
फायकू साहित्य

एशियाई खेल और डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ के फायकू

1 झांगझाऊं एशियाई खेल में शानदार प्रदर्शन, बधाई तुम्हारे लिये। 2 एक सौ सात पदक जीतकर भारतीय टीम आई तुम्हारे लिये। 3 अट्ठाईस स्वर्ण, अड़तीस रजत पदक खिलाड़ी लाए तुम्हारे लिये। 4 जीतकर इकतालीस कांस्य पदक भारतीय खिलाड़ी आए तुम्हारे लिये। 5 मेहुल घोष, आशी रमिता निशानेबाजी रजत जीता तुम्हारे लिये। 6 अर्जुन लाल अरविंद […]

Read More