सविता मिश्रा के 100 फायकू

 

1
कंप्यूटर कीबोर्ड बनते रहो
स्कीम आई कई
तुम्हारे लिये।
2
तुम भले भूले हमको
हम जीते रहे
तुम्हारे लिये।
3
तुमको ख़्वाबों में देखते
बातें भी करते
तुम्हारे लिये।
4
मत समझना पागल है
याद में तेरी
तुम्हारे लिये।
5
यदि मुस्करा रहे हैं
हर मुस्कराहट नहीं
तुम्हारे लिये।
6
नज़र नज़र का फेर
हर नज़र नहीं
तुम्हारे लिये।
7
समुन्दर में डूबना था
चुल्लूभर में डूबे
तुम्हारे लिये।
8
सब शराब पीके बहकें
बहकें बिना पिये
तुम्हारे लिये।
9
तमाशाबीन हो गयी दुनिया
मुस्कराती रही बस
तुम्हारे लिये।
10
फ़र्ज़ था जो निभाया
आगे भी निभाएंगे
तुम्हारे लिये।
11
इरादा अपना बता तो
ज़िन्दगी छोड़ दें
तुम्हारे लिये।
12
बेदर्दों की दुनिया में
दर्द लिये फ़िरते
तुम्हारे लिये।
13
तुम मेरे इंद्र हो
हम सूरज बने
तुम्हारे लिये।
14
दूध फाटे दही बने
लस्सी की हमने
तुम्हारे लिये।
15
वह बोले हमेशा कड़वा
शहद घोल बताएं
तुम्हारे लिये।
16
सब के सब गिरगिट
रंग बदलते जायें
तुम्हारे लिये।
17
राम नाम खूब जपा
नहीं समझ आये
तुम्हारे लिये।
18
बस एक दीपक से
अंधियारा मिटाने चले
तुम्हारे लिये।
19
चोट तू खाया दर्द
हमको ही हुआ
तुम्हारे लिये।
20
गम के समुन्दर से
मोती चुने हम
तुम्हारे लिये।
21
खेत खलिहान फैली हरयाली
यादों में तेरी
तुम्हारे लिये।
22
ठानते कैसे ना हम
सम्मान जुड़ा था
तुम्हारे लिये।
23
मुश्किल भले ही हो
रखना सम्मान था
तुम्हारे लिये।
24
जीते थे कभी हम
मर भी जायें
तुम्हारे लिये।
25
जंगलराज मचा हाहाकार चैतरफा
हम करेंगे कुछ
तुम्हारे लिये।
26
आंखों में ख़्वाब सजाए हैं
कोई अपना आये
तुम्हारे लिये।
27
राहों पर फूल बिछा दें
घरौंदा प्यारा बसा
तुम्हारे लिये।
28
सूरज भले ही डूबा
हम नहीं डूबे
तुम्हारे लिये।
29
भागते शोहरत के पीछे
हम अडिग खड़े
तुम्हारे लिये।
30
बिछड़कर नहीं ज़िन्दा रहते
ज़िन्दा हैं हम
तुम्हारे लिये।
31
मरें तो सुहागन मरें
चाहत है यही
तुम्हारे लिये।
32
राम राम कहते आई
मंदिर में बस
तुम्हारे लिये।
33
स्नान किया गंगा में
पापमुक्ति चाही बस
तुम्हारे लिये।
34
आभार खेल क्यों खेलेंगे
आभार देते हम
तुम्हारे लिये।
35
फायकू का नशा चढ़ा
हर कहीं दिखा
तुम्हारे लिये।
36
खोयी यादों में तेरी
आंसू बहाती बस
तुम्हारे लिये।
37
जग हंसा बस मैं रोई
ममता जागी बस
तुम्हारे लिये।
38
भैया की लाडली ठहरी
किया सब कुछ
तुम्हारे लिये।
39
पिता की आंखों का तारा
छोड़ा घर उनका
तुम्हारे लिये।
40
तुम मेरे इंद्र हो
हम सूरज बनें
तुम्हारे लिये
41
मां के कलेजे का
टुकड़ा सब छोड़ा
तुम्हारे लिये।
42
फायकू की गुरु बनी
गुस्ताख़ी ना हो
तुम्हारे लिये।
43
सूरज तुम कहते हमको
डूबे निकले फिर
तुम्हारे लिये।
44
क्या करे दिल का
धड़कता है बस
तुम्हारे लिये।
45
चाहा था सीखना आपसे
सोचा सीख लेंगे
तुम्हारे लिये।
46
भला होता किसी का
कर देंगें हम
तुम्हारे लिये।
47
पी लेंगे ज़ख़्मों दर्द
सह लेंगे सितम
तुम्हारे लिये।
48
ज़िंदगी की जंग हम
लड़ेंगे मिलकर संग
तुम्हारे लिये।
49
जूनून हो गया सवार
लिखूं कुछ खास
तुम्हारे लिये।
50
जुड़ा मान सम्मान आपका
ठाने इसीलिये लिखेंगे
तुम्हारे लिये।
51
तुम अगर चले गए
नहीं सोचना आउंगी
तुम्हारे लिये।
52
छेड़ेंगे मनचले तुम्हें सरेआम
खूबसूरती ढकों जरा
तुम्हारे लिये
53
बेपर्दा ना हो चलो
लफंगे हर कहीं
तुम्हारे लिये।
54
चाहत थी देखो तुम
सोलह शृंगार किया
तुम्हारे लिये।
55
कहीं मुख ना मोड़ना
दुनिया छोड़ आई
तुम्हारे लिये।
56
मौत का रास्ता रोका
ढाल बनी बस
तुम्हारे लिये।
57
महफिल सारी तुम सजाओ
खुशियां हम बटोरें
तुम्हारे लिये।
58
रिश्ते नाते सब भूलूं
याद बस तुम्हारी
तुम्हारे लिये।
59
मौत को दी मात
ज़िन्दगी की आस
तुम्हारे लिये।
60
बहुत लड़ी मौत से
नहीं कोई पछतावा
तुम्हारे लिये।
61
ज़िंदगी की छांव में
तुम्हारी बाहों में
तुम्हारे लिये।
62
प्यारी आवाज़ तुम दो
क्यों ना आयें
तुम्हारे लिये।
63
मन से पुकारों तो
खड़े मिलेंगे हम
तुम्हारे लिये।
64
मौत से लड़ते रहे
ज़िंदगी की चाह
तुम्हारे लिये।
65
काम करो हमारे लिये
अपयश मिलता है
तुम्हारे लिये।
66
नेता डाक्टर का नाम
पुलिस ही बदनाम
तुम्हारे लिये।
67
चाहत है हमारी लेखनी
गीत बन बहूं
तुम्हारे लिये।
68
नहाना धोना भूल गयी
इंतज़ार करूं बस
तुम्हारे लिये।
69
उकता गयी ज़िन्दगी से
जीऊं फिर भी
तुम्हारे लिये।
70
रात दिन जागे हम
भर नैन नीर
तुम्हारे लिये।
71
करना चाहा था बहुत
कर ना पाए
तुम्हारे लिये।
72
गद्दारों को मार गिराएं
अ मेरे वतन
तुम्हारे लिये।
73
नारियों को दोषी ठहरातें
चुप हैं हम
तुम्हारे लिये।
74
जीने को है तैयार
दर्द में सही
तुम्हारे लिये।
75
बोलने को कहते हैं
बोलें नहीं बस
तुम्हारे लिये।
76
गहन सोच में थे
कुछ कर गुजरेंगे
तुम्हारे लिये।
77
उधार ले ले जीते
अब और क्या
तुम्हारे लिये।
78
बनिया खूब चिल्ला पड़ा
चुकता किया उधार
तुम्हारे लिये।
79
तुम हमारी धड़कन बनो
हम दिल बसें
तुम्हारे लिये।
80
मरने के बाद भी
पीछा ना छोडंू
तुम्हारे लिये।
81
घर को ख़ूबसूरत किया
चाहत पूरी की
तुम्हारे लिये।
82
दर्दे इश्क क्या है
पूछूं आशिक से
तुम्हारे लिये।
83
फूल नारियल चढ़ा आई
मिन्नतें खूब कीं
तुम्हारे लिये।
84
सभ्य थे हम कभी
असभ्य बन गये
तुम्हारे लिये।
85
लक्ष्मण रेखा की पार
नहीं मानी हार
तुम्हारे लिये।
86
तन मन धन चाहिए
तुम्हारे ही साथ
तुम्हारे लिये।
87
करती दुनिया तुम्हारी बुराई
भृकुटी तानी हमने
तुम्हारे लिये।
88
क्रोध की अति नहीं
शांत रहती बस
तुम्हारे लिये।
89
भूख लगी फिर भी
इंतज़ार तेरा ही
तुम्हारे लिये।
90
चोर चोर मौसेरे भाई
पकड़ें ही गये
तुम्हारे लिये।
91
तुम जो चाहो सब
बनें हम बस
तुम्हारे लिये।
92
कहने को बहुत कुछ
कहूं कैसे सब
तुम्हारे लिये।
93
ख़याल आये बस तुम्हारा
करें हम क्या
तुम्हारे लिये।
94
जिये जाएं हम बस
सह सुन के
तुम्हारे लिये।
95
हमने स्वादिष्ट भोजन बनाया
मन लगा कर
तुम्हारे लिये।
96
तुम्हारी पसंद का भोजन
देखो बनाया हमने
तुम्हारे लिये।
97
टिका है हमारा भरोसा
तुमसे ही देखो
तुम्हारे लिये।
98
आंखों में प्यार भरा
तुमने देखा क्या
तुम्हारे लिये।
99
रात दिन गश्त करतें
सुख चैन को
तुम्हारे लिये।
100
डरते रहें फिर भी
अंधेरे में खड़े
तुम्हारे लिये।

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