गांधी जयंती के अवसर पर

 

बाल-कविता
महात्मा का स्मरण

भारत माता ने महानतम पुत्र अनेक जने हैं।
‘बापू’ पद के अधिकारी बस मोहनदास बने हैं।।

हम सब उनको आज महात्मा गांधी कहते हैं।
भारत के जन गण के मन में सचमुच रहते हैं।।

वे अपने जीवन में सबको प्रेम सिखाते थे।
सत्य, अहिंसा में निष्ठा का मार्ग दिखाते थे।।

सविनय सत्याग्रह से अत्याचारी रुक जाते थे।
देख हौसला बलिदानों का दुश्मन झुक जाते थे।।

नमक बनाकर निर्भयता का जन संदेश दिया था।
‘भारत छोड़ो’ का अंग्रेजों को निर्देश दिया था।।

स्वाभिमान की ऐसी घुट्टी जनता को पिलवा दी।
रक्तपात के बिना ब्रिटिश से आजादी दिलवा दी।।

अपनी भाषा, अपनी भूषा अपनाना सिखलाया।
है स्वराज्य का मार्ग स्वदेशी, चल कर दिखलाया।।

ईश्वर-अल्ला के अभेद को दुनिया को समझाया।
महिला और दलित लोगों को सब सम्मान दिलाया।।

जन्मदिवस दो अक्टूबर यों नई शक्ति भरता है।
ऐसे अपने राष्ट्रपिता को देश नमन करता है।।
000

दोहे – सत्य-अहिंसा प्यार
1.
दुनिया कब से लड़ रही, भर प्राणों में क्रोध।
नया युद्ध तुमने लड़ा, सविनय किया विरोध।।
2 .
दुनिया लड़ती क्रोध से, करती अत्याचार।
भारत लड़ता सत्य ले, बाँट बाँट कर प्यार।।
3 .
उनके हाथों में रहे, सब खूनी हथियार।
पर तुमने त्यागे नहीं, सत्य-अहिंसा-प्यार।।
4 .
अड़े सत्य पर तुम सदा, दिया न्याय का साथ।।
सत्ता-बल के सामने, नहीं झुकाया माथ।।
5 .
निर्भय होने का दिया, तुमने ऐसा मंत्र।
जगा देश का आत्म-बल, होकर रहा स्वतंत्र।।
6 .
मिले प्रेम के युद्ध में, भले जीत या हार।
तुमने सिखलाया हमें, शस्त्रहीन प्रतिकार।।
7.
सत्ता, प्रभुता, राजमद, शोषण के पर्याय।
नमक बना तुमने दिया, जन-संघर्ष उपाय।।
8 .
क्या न किया अंग्रेज ने, क्या न गिराई गाज।
मगर न कुचली जा सकी, जनता की आवाज।।
9
सच्चा नायक तो वही, कथनी-करनी एक।
वरना तो झूठे यहाँ, नेता फिरें अनेक।।
10 .
दौड़ रहे पागल हुए, महानगर की ओर।
गांधी की वाणी सुनो, चलो गाँव की ओर।।
11 .
अगर कहीं कोई मरे, ऋण से दबा किसान।
यह गांधी के देश में, उचित नहीं, श्रीमान।।
12 .
दुनिया बनती जा रही, मंडी औ, बाजार।
इसे बनाओ, मित्रवर, प्रेमपूर्ण परिवार।।
000

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कविता

शांति शिरोमणि तुलसीदास

  भारतीय साहित्य गगन के चन्द्र काव्य जगत के आप हैं हास। वंदनीय हे शांति शिरोमणि नमो भक्त कवि तुलसीदास । बांदा जिला ग्राम राजापुर आपसे हुआ समुन्नत भाल। मां हुलसी के पुत्र महाकवि आत्माराम पिता के लाल। भारत के अभिमान जगत के आप हैं कवि उज्ज्वल आदर्श। नत मस्तक हो विश्व कह रहा धन्य […]

Read More
कविता

शिव स्तुति

  शिव की महिमा का है चमत्कार। उन्होंने बनाया बहुत बड़ा संसार। ये हैं अग्रगण्य त्रिपुरारी। ये तांडव नृत्य करते हैं भयहारी। इनकी डमरू बोलती डम_डम_डम। इनके भक्त नाचते छम_छम_छम। भोला खाते भांग _धतूरा। ये कल्याण करते पूरा_पूरा। इनको भाते हैं अकोन, कनेर, धतूरा के फूल। जो उनकी पूजा के लिए है मूल। औढरदानी का […]

Read More
कविता

गुरु -शिष्य

  गुरु होते हैं मार्गदर्शक शिष्यों के लिए आकर्षक। गुरु देते शिष्यों को शिक्षा शिष्य भी करते गुरु की रक्षा। गुरु _शिष्य के रिश्ते हैं अनमोल इनके होते हैं सुन्दर बोल। दोनों होते हैं महत्वपूर्ण ये दोनों होते हैं पूर्ण। गुरु_शिष्य करते भारत का कल्याण जिससे भारतवर्ष बना रहेगा महान। गुरु का होता यशोगान शिष्य […]

Read More